छोटा और प्रभावी होगा इस साल गणतंत्र दिवस परेड
इस साल गणतंत्र दिवस परेड छोटा, लेकिन दमदार होगा। इसके लिए परेड करने वाली टुकडि़यों की संख्या के साथ-साथ प्रदर्शनियों की संख्या भी कम की जा रही है। इस कारण पूरा परेड 15 मिनट तक कम हो सकता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इस साल गणतंत्र दिवस परेड छोटा, लेकिन दमदार होगा। इसके लिए परेड करने वाली टुकडि़यों की संख्या के साथ-साथ प्रदर्शनियों की संख्या भी कम की जा रही है। इस कारण पूरा परेड 15 मिनट तक कम हो सकता है। इसके साथ ही बीटिंग रिट्रीट के दौरान मार्शल धुनों के साथ-साथ भारतीय धुन भी सुनने को मिलेंगे। पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की उपस्थिति में लंबा परेड चलने और बारिश में अतिथि के लंबे समय तक खड़े रहने को देखते हुए इस बार इसे छोटा करने का फैसला किया गया है। इस साल फ्रांसिसी राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलांद गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि होंगे।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार परेड को छोटा करने का फैसला उच्च स्तर पर लिया गया है। इसके तहत सेना की आठ टुकडि़यों के बजाय केवल छह टुकडि़यां भी परेड में भाग लेंगी। नौसेना की तीन टुकड़ी के बजाय दो टुकड़ी और वायुसेना की दो बजाय केवल एक टुकड़ी ही परेड करती दिखेगी। वहीं अर्द्धसैनिक बलों की अलग-अलग टुकड़ी के भाग लेने बजाय केवल तीन टुकड़ी में सिमटा दिया गया है। जबकि वायुसेना की हवाई प्रदर्शनी को नहीं छुआ गया है।
अब तक गणतंत्र दिवस परेड में टैंक, वायु सुरक्षा, आर्टिलरी अलग-अलग प्रदर्शन करते थे। इस बार उन्हें एक ही प्रदर्शनी में समेटने को कहा गया है। वहीं नौसेना को 'मेक इन इंडिया' के तहत बने आइएनएस विक्रांत और आइएनएस कावेरी की प्रतिकृति प्रदर्शित करने की अनुमति दी गई है। इसी तरह वायुसेना को आपदा के समय राहत व बचाव कार्य में प्रयुक्त होने वाले सी-130 हरक्यूलस. सी-17 ग्लोब मास्टर्स और एमआइ-17 के माडल को प्रदर्शित करने की मंजूरी मिली है।
गणतंत्र दिवस परेड को छोटा करने के फैसले के पीछे पिछले साल बराक ओबामा की असहज स्थिति में फंसना बताया जाता है। परेड के दौरान बारिस में अमेरिकी राष्ट्रपति और उनकी पत्नी छाता लिए लंबे समय खड़े रहे थे। इसे देखते हुए इस बार परेड को छोटा करने का फैसला किया गया।
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