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    ....तो इस वजह से डूब जाएगा आधा कोलकाता

    By Sachin BajpaiEdited By:
    Updated: Thu, 16 Jul 2015 07:59 PM (IST)

    भारतीय मौसम विभाग की तरफ से कोलकाता समेत उत्तर व दक्षिण चौबीस परगना व पूर्व मेदिनीपुर को चक्रवात के लिए सर्वाधिक संवेदनशील बताए जाने के बाद एक और बड़ी चिंता का विषय है भूकंप।

    कोलकाता,जागरण ब्यूरो । भारतीय मौसम विभाग की तरफ से कोलकाता समेत उत्तर व दक्षिण चौबीस परगना व पूर्व मेदिनीपुर को चक्रवात के लिए सर्वाधिक संवेदनशील बताए जाने के बाद एक और बड़ी चिंता का विषय है भूकंप। आइआइटी खड़गपुर ने अपने चार साल के अध्ययन के बाद खुलासा किया है कि कोलकाता एक बड़े खतरे के मुहाने पर खड़ा है। सरकार को जल्द सौंपी जाने वाली इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कोलकाता में यदि 6.5 या इससे अधिक की तीव्रता का भूकंप आता है, तो महानगर का आधा हिस्सा जलमग्न हो जाएगा।

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    आइआइटी के विशेषज्ञों ने जुलाई 2011 में यह अध्ययन शुरू किया था। इसके लिए केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने आर्थिक सहायता मुहैया कराई थी। इस साल जून में अध्ययन पूरा हो गया है। नवंबर में राज्य सरकार के साथ ही केंद्र सरकार को भी रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। जिन इलाकों के जलमग्न होने की आशंका जाहिर की गई है उनमें साल्टलेक, राजारहाट-न्यूटाउन, ईएम बाइपास, कसबा, पार्कस्ट्रीट, बीबीडी बाग शामिल हैं। ये सभी घनी आबादी वाले इलाके हैं।

    रिपोर्ट के मुताबिक, कोलकाता अलूवीअम (जलोढ़क) जैसी बहुत ही मुलायम मिट्टी पर बसा है। एक अंग्रेजी वेबसाइट ने रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि कोलकाता की सतह से 7.5 किमी नीचे तक मुलायम-चिकनी मिट्टी, कीचड़ और सड़ी हुई वनस्पति है। यह हिस्सा खोखला हो चुका है। नेपाल में आए भूकंप के बाद वैज्ञानिक कोलकाता के लिए चेतावनी दे चुके हैं। उनका कहना है कि भूकंप कभी भी इस सांस्कृतिक शहर को तहस-नहस कर सकता है।

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