भविष्य की जंग के लिए तीनों सेनाएं हरदम तैयार, युद्धाभ्यास 'त्रिशूल' का आज होगा समापन
राजस्थान के रेगिस्तान से लेकर गुजरात के कच्छ तक भारतीय सेना के तीनों अंगों का युद्धाभ्यास त्रिशूल बुधवार को भी जारी रहा।इसमें जमीन, आसमान एवं समुद्र के साथ ही साइबर क्षेत्र में तालमेल बिठाते हुए दुश्मन को काबू में करने की तैयारियों का परीक्षण किया जा रहा है। युद्धाभ्यास का गुरुवार को समापन होगा।

भारतीय सेना की दक्षिणी कमान ने त्रिशूल युद्धाभ्यास में तीनों सेनाओं की संयुक्त तैयारियों का प्रदर्शन किया (फोटो- एक्स)
जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान के रेगिस्तान से लेकर गुजरात के कच्छ तक भारतीय सेना के तीनों अंगों का युद्धाभ्यास त्रिशूल बुधवार को भी जारी रहा।
युद्धाभ्यास का आज समापन होगा
इसमें जमीन, आसमान एवं समुद्र के साथ ही साइबर क्षेत्र में तालमेल बिठाते हुए दुश्मन को काबू में करने की तैयारियों का परीक्षण किया जा रहा है। युद्धाभ्यास का गुरुवार को समापन होगा।
समापन के एक दिन पहले रेत के टीलों में टैंक एवं बख्तरबंद वाहनों में सुदर्शन चक्र और कोणार्क कोर की अलग-अलग टीमें आगे बढ़ीं और उन्हें वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ध्रुव, चेतक, रूद्र और चीता ने कवर प्रदान किया। जवानों ने दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों को ध्वस्त कर दिया।
लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने कहा कि भारतीय सेना भविष्य के किसी भी युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार है। हमने एक रूद्र ब्रिगेड तैयार की है, जिसमें इंजीनियर, साइबर विशेषज्ञ एवं ड्रोन विशेषज्ञ शामिल हैं। यह टीम दुश्मन देश से निपटने में पूरी तरह सक्षम है।
दुश्मन की निगरानी और टोही क्षमताओं को बाधित करने के लिए स्वदेशी ड्रोन आधारित टोही एवं ड्रोन विरोधी प्रणालियों का उपयोग किया गया। 30 अक्टूबर से चल रहे युद्धाभ्यास में भारतीय थल सेना, वायुसेना एवं नौसेना के लगभग 30 हजार सैनिक शामिल हैं।

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