पहले फास्ट ब्रीडर रिएक्टर से शुरू होगा उत्पादन
देश के पहले प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (पीएफबीआर) से बिजली उत्पादन मौजूदा वित्त वर्ष में ही शुरू जाएगा। 500 मेगावाट के इस रिएक्टर को शुरू करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
नई दिल्ली। देश के पहले प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (पीएफबीआर) से बिजली उत्पादन मौजूदा वित्त वर्ष में ही शुरू जाएगा। 500 मेगावाट के इस रिएक्टर को शुरू करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में यह जानकारी दी। सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम चेन्नई से 80 किलोमीटर दूर कलपक्कम में यह रिएक्टर स्थापित कर रहा है। यह देश का पहला स्वदेश निर्मित पीएफबीआर है।
राज्यमंत्री ने बताया कि भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम कलपक्कम में 600 मेगावाट उत्पादन क्षमता वाल दो और फास्ट ब्रीडर रिएक्टरों का निर्माण कर रहा है। इसके अलावा स्वदेशी रिएक्टर स्थापित करने की दो अन्य परियोजनाएं निर्माण के चरण में हैं।
इनके तहत भारतीय परमाणु ऊर्जा विकास निगम (एनसीपीआइएल) हरियाणा के गोरखपुर में दो रिएक्टर स्थापित कर रही है, जबकि कुडनकुलम में रूस की मदद से तीसरे और चौथे परमाणु ऊर्जा रिएक्टर की स्थापना की जा रही है।
सिंह ने बताया कि काकरापार एटॉमिक पावर प्रोजेक्ट के तहत 700-700 मेगावाट के दो रिएक्टर स्थापित किए जा रहे हैं जिनसे उत्पादन वर्ष 2017-18 में शुरू हो जाएगा। वहीं राजस्थान एटॉमिक पावर प्रोजेक्ट द्वारा निर्मित किए जा रही 700-700 मेगावाट की दो इकाइयों से उत्पादन वर्ष 2018-19 में शुरू हो जाएगा।
क्या है पीएफबीआर
ब्रीडर रिएक्टर वह होता है जिसमें परमाणु विखंडन की प्रक्रिया के लिए जिस ईंधन का इस्तेमाल किया जाता है उसे यह रिएक्टर दोबारा इस्तेमाल योग्य ईंधन में बदलकर उत्सर्जित करता है।
इस रिएक्टर में जितना ईंधन डाला जाता है उससे ज्यादा उससे वापस मिल जाता है। पीएफबीआर में ईंधन के रूप में प्लूटोनियम और यूरेनियम ऑक्साइड का इस्तेमाल किया जाएगा, जिसे मॉक्स फ्यूल कहा जाता है।