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    'पीएम मोदी की इजाजत पर म्यांमार में मारे गए उग्रवादी'

    By Gunateet OjhaEdited By:
    Updated: Wed, 10 Jun 2015 09:38 PM (IST)

    केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा है कि सेना की बहादुरी के साथ ही देश के राजनीतिक नेतृत्व की दृढ़ इच्छाशक्ति ने म्यांमार में आतंकी कैंप पर हुई सफल कार्रवाई को मुमकिन बनाया है।

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    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा है कि सेना की बहादुरी के साथ ही देश के राजनीतिक नेतृत्व की दृढ़ इच्छाशक्ति ने म्यांमार में आतंकी कैंप पर हुई सफल कार्रवाई को मुमकिन बनाया है।

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    उन्होंने कहा है कि इस सफल ऑपरेशन के बाद आतंकवादियों को संरक्षण दे रहे देशों को सावधान हो जाना चाहिए। क्योंकि अब भारत ऐसी किसी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगा। हम जब चाहेंगे और जहां चाहेंगे ऐसे ही सर्जिकल हमले करते रहेंगे।

    ओलंपिक पदक विजेता और सेना के सेवानिवृत्त कर्नल राज्यवर्धन राठौर ने कहा है कि इस ऑपरेशन के लिए सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजाजत दी थी। उन्होंने कहा कि ऐसे अभूतपूर्व और बेहद साहसी ऑपरेशन की इजाजत देना सरकार की मजबूती का संकेत है।

    सीमा पार के इस अभियान के बारे में केंद्र सरकार की ओर से राठौर ने ही खुल कर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इजाजत से सीमा पार चल रहे दो उग्रवादी शिविरों पर हमला कर उसे पूरी तरह नेस्तनाबूद कर दिया।

    पाकिस्तान और चीन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह संदेश सभी देशों तक पहुंच जाना चाहिए। भारत एक मजबूत देश है। राठौर ने कहा कि आतंकवादियों के लिए यह बहुत आसान हो गया था कि भारतीय सीमा में सेना, अ‌र्द्धसैनिक बल या हमारे नागरिकों पर हमला करें और फिर पड़ोस के देश में जा कर छुप जाएं।

    इन्हें ये बेहद सुरक्षित शरण स्थल लगते थे और पूरा यकीन होता था कि भारतीय सेना वहां उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। उन्होंने इस ऑपरेशन के बाद मोदी जी के 56 इंच की छाती वाले बयान की याद दिलाते हुए मंगलवार को '56इंच रॉक्स' के हैशटैग के साथ ट्वीट भी किया था।

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