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    भारत-पाक वार्ता में आतंकवाद अहम एजेंडाः फारूक

    By Manoj YadavEdited By:
    Updated: Sat, 22 Aug 2015 08:45 PM (IST)

    नेशनल कांफ्रेंस के संरक्षक व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि भारत व पाकिस्तान के बीच होने जा रही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बातचीत में मुख्य एजेंडा आतंकवाद रहेगा। आतंकवाद एक अहम मुद्दा है जिसने दोनों तरफ सैकड़ों लोगों को मारा है।

    जम्मू। नेशनल कांफ्रेंस के संरक्षक व राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि भारत व पाकिस्तान के बीच होने जा रही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तर की बातचीत में मुख्य एजेंडा आतंकवाद रहेगा। आतंकवाद एक अहम मुद्दा है जिसने दोनों तरफ सैकड़ों लोगों को मारा है।

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    इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, गांधी नगर की वार्षिक प्रदर्शनी के उद्घाटन के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, हुर्रियत नेताओं का पाकिस्तानी नेताओं से मिलना नई बात नहीं है। यह पहले भी होता रहा है।

    पाकिस्तान हुर्रियत का बाप है। दोनों की मुलाकात रोकने के भारत सरकार के फैसले पर सवाल उठाने वाला मैं कौन होता हूं। भारत सरकार ने देश के हित के लिए फैसला करना है। फारूक ने कहा कि उन्होंने कभी भी हुर्रियत को प्रासंगिक नहीं माना।

    केंद्र व राज्य पर वार्ता नाकाम करने का आरोप

    श्रीनगर में पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को केंद्र व जम्मू-कश्मीर सरकार पर आरोप लगाया कि वह भारत-पाकिस्तान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) स्तर की वार्ता को नाकाम बनाने के लिए ही हुर्रियत नेताओं को पाकिस्तान के एनएसएस सरताज अजीज के साथ मुलाकात से रोकने के लिए बंदी बना रही है।

    उमर अब्दुल्ला ने ट्विटर पर अलगाववादी नेताओं को नजरबंद बनाए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया जताते हुए लिखा "मुफ्ती-मोदी जुगलबंदी। पहले मैं उन्हें हिरासत में लूंगा, उसके बाद तुम उन्हें बंदी बनाना। हम मिलकर इस बात को यकीनी बनाएंगे कि यह बातचीत न हो पाए। वाह।"

    एक अन्य ट्वीट में उमर ने मखौल उड़ाते हुए लिखा, "यह वही मुफ्ती हैं जो श्रीनगर-मुजफ्फराबाद सड़क खोलने और भारत-पाक के बीच संघर्ष विराम कराने का दावा करते थे। आज उनके दावे रेत के महल की तरह ढह रहे हैं।"