मोदी सरकार की बड़ी तैयारी, दस लाख खोखा कंपनियों पर चलेगा मुकदमा
इस विशेष कार्य दल में विभिन्न जांच और प्रवर्तन एजेंसियों के सदस्य शामिल हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र । केवल नाजायज धन को वैध बनाने के लिए बनाई गई खोखा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एक सरकारी कार्य दल ने 10 लाख ऐसी कंपनियों के खिलाफ अभियोजन चलाने का फैसला किया है। भविष्य में खोखा कंपनियों के जरिये काले धन को सफेद करने पर अंकुश लगाने के लिए कार्य दल ने आधार आधारित केवाईसी रजिस्टर बनाने का भी फैसला किया है।
इस विशेष कार्य दल में विभिन्न जांच और प्रवर्तन एजेंसियों के सदस्य शामिल हैं। कार्य दल ने बैंकों द्वारा नए रेड फ्लैग इंडिकेटर्स यानी खतरे पर संकेतकों के निर्धारण पर भी जोर दिया है ताकि वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) उनके लेनदेन और गतिविधियों की पहचान कर सकें और जांचकर्ताओं को सतर्क कर सकें।
विभिन्न एजेंसियां देंगी सूचना
कार्य दल से जुडे़ अधिकारियों ने बताया कि विभिन्न एजेंसियों को खोखा कंपनियों के बारे में सूचना देने के लिए कहा गया है। ये एजेंसियां विशिष्ट कानून के तहत आयकर विभाग को इसके बारे में सूचना देंगी ताकि वह उनके खिलाफ बेनामी लेनदेन कानून और आयकर कानून के तहत मामला दायर कर सके और अदालतों में मुकदमे की प्रक्रिया शुरू की जा सके।
ऐसे मामले, जो विदेशों में जमा काले धन से जुड़े हैं, में नए काला धन रोधक कानून और मनी लांड्रिंग रोधक कानून के तहत मामला दायर किया जाएगा।
पहचान इस माह के अंत तक
अधिकारियों ने कहा कि सभी एजेंसियों से ऐसी कंपनियों की पहचान इस महीने के अंत तक करने के लिए कहा गया है, ताकि कार्रवाई की जा सके। शुरुआती अनुमान के मुताबिक इस तरह की कुल 15 लाख कंपनियों में से 10 लाख कंपनियां संदिग्ध गतिविधियों की श्रेणी में आती हैं। कुछ ऐसी कंपनियां, जिनका केवाईसी मजबूत है और गतिविधियां सामान्य नजर आती हैं, वे भी जांच के घेरे में हैं।
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