श्रीनगर के स्टेडियम में फंसे 175 बच्चों के लिए भगवान बने खेल शिक्षक
पिछले चार दिनों से बगैर खाना-पानी श्रीनगर के एक इंडोर स्टेडियम में फंसे 175 छात्र-छात्राओं के लिए उनके खेल शिक्षक एस. चरक भगवान बन गए हैं। बार-बार मदद मांगे जाने के बावजूद जम्मू-कश्मीर सरकार के कर्मचारी जब उन्हें बचाने के लिए नहीं पहुंचे तो सभी बच्चे हिम्मत हारने लगे थे। ऐसे मुश्किल हालात में एस.चरक ने अपने अन्
श्रीनगर। पिछले चार दिनों से बगैर खाना-पानी श्रीनगर के एक इंडोर स्टेडियम में फंसे 175 छात्र-छात्राओं के लिए उनके खेल शिक्षक एस. चरक भगवान बन गए हैं। बार-बार मदद मांगे जाने के बावजूद जम्मू-कश्मीर सरकार के कर्मचारी जब उन्हें बचाने के लिए नहीं पहुंचे तो सभी बच्चे हिम्मत हारने लगे थे। ऐसे मुश्किल हालात में एस.चरक ने अपने अन्य सहयोगियो ंकी मदद से उनका मनोबल बनाए रखा। आसपास पड़ी फोम की सामग्री से नाव बनाई और एक-एक कर सभी बच्चों को स्टेडियम के ऊंचे हिस्से पर पहुंचाने लगे। बाद में पहुंचे सेना और सीआरपीएफ के जवानों ने अस्थाई पुल का निर्माण कर सभी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। छात्र-छात्राओं ने राज्य सरकार के बचाव इंतजामों को लेकर बेहद नाराजगी जताई।
चार दिनों तक पानी में फंसे रहने वाले छात्र अमित का कहना है कि खेल शिक्षक उनके लिए भगवान के समान हैं। वे न होते तो हम लोग बचने की उम्मीद कब का छोड़ देते। उसे उन्हीं की वजह से दूसरा जीवन मिला है। खेल शिक्षक एस. चरक ने बताया कि कुछ छात्रों के साथ मिलकर हम लोगों ने स्टेडियम की दीवार तोड़ने की कोशिश की पर तेज पानी के दबाव से दीवार अपने आप टूट गई। सेना और सीआरपीएफ के जवानों ने हमारी भरपूर मदद की। एक छात्र ने बताया कि हम अपनी मौत को सामने खड़े देख रहे थे। अगर हमारे शिक्षकों ने हौसला न दिखाया होता तो बाद में स्टेडियम पहुंचने वाले बचावकर्मियों को हमारी लाश ही मिलती। राज्य सरकार से बेहद खफा एक छात्रा ने कहा कि सेना और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के जवान जिस बहादुरी के साथ लोगों की जान बचा रहे हैं, उसकी तारीफ के लिए उसके पास शब्द नहीं है।
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