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सावधान! चाय में पाए गए खतरनाक कीटनाशकों के अवशेष

अगर आपकी सुबह भी चाय की चुस्कियों से शुरू होती है तो इस खबर को जरूर पढ़ें। पर्यावरण से जुड़े एनजीओ ग्रीनपीस ने एक अध्ययन में भारत के कई प्रमुख बांड्स की चाय में हानिकारक कीटनाशकों के अवशेष होने का दावा किया है। इन कीटनाशकों में डीडीटी जैसे खतरनाक प्रतिबंधित रसायन शामिल हैं।

By Edited By: Published: Tue, 12 Aug 2014 08:25 PM (IST)Updated: Wed, 13 Aug 2014 07:47 AM (IST)

मुंबई। अगर आपकी सुबह भी चाय की चुस्कियों से शुरू होती है तो इस खबर को जरूर पढ़ें। पर्यावरण से जुड़े एनजीओ ग्रीनपीस ने एक अध्ययन में भारत के कई प्रमुख बांड्स की चाय में हानिकारक कीटनाशकों के अवशेष होने का दावा किया है। इन कीटनाशकों में डीडीटी जैसे खतरनाक प्रतिबंधित रसायन शामिल हैं।

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ग्रीनपीस की वरिष्ठ प्रचारक नेहा सहगल ने कहा, 'हमने पिछले एक साल में भारत के कई शहरों में बेची जाने वाली चाय की पत्तियों की गुणवत्ता का अध्ययन किया। अध्ययन में बहुत से ब्रांड्स की चाय में कीटनाशकों के अवयव सामने आए।' उन्होंने कहा कि हमने 49 नमूने लिए जिसमें से 34 में कीटनाशकों के अवशेष पाए गए। इनमें 29 [लगभग 59 फीसद] में तो 10 से भी ज्यादा अलग-अलग तरह के कीटनाशकों का मिश्रण पाया गया। 29 नमूनों में कम से कम एक कीटनाशक के अवशेष की उपस्थिति, यूरोपीय संघ द्वारा निर्धारित अधिकतम सीमा से ज्यादा पाई गई। उन्होंने कहा, 'इस अध्ययन के लिए नमूने हमने दिल्ली, कोलकाता, बेंगलूर और मुंबई जैसे शहरों के दुकानदारों से जून 2013 से मई 2014 के बीच एकत्रित किए थे।' सहगल ने कहा कि इन नमूनों में से 67 फीसद में डीडीटी का अवशेष भी पाया गया। भारत में 1989 से डीडीटी का प्रयोग प्रतिबंधित है।

चाय बोर्ड ने कहा-पूरी तरह सुरक्षित

भारतीय चाय बोर्ड ने ग्रीनपीस की रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि भारत की चाय की पत्ती पूरी तरह सुरक्षित है। उसे कड़े परीक्षणों से गुजारने के बाद ही बेचा जाता है।

प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, 'व्यापक तौर पर भारतीय चाय बोर्ड भारतीय चाय के बारे में ग्राहकों की सभी भ्रांतियों को दूर करना चाहेगा।' इसमें कहा गया कि हम लगातार चाय उत्पादन को भरोसेमंद बनाने तथा ग्राहकों की उम्मीदों के उच्च मानकों को छूने का प्रयास करते हैं।

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