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निजी कारों से टैक्सी सर्विस चला रहे 3000 ट्रैवल एजेंट

उबर और अन्य वेब आधारित टैक्सी सेवाओं पर रोक के बावजूद दिल्ली में किराये पर टैक्सी सेवा लेने वालों की मुश्किलें आसान हो जाएंगी इसमें संदेह है। कारण, उबर जैसी वेब आधारित टैक्सी सेवाओं के अलावा राजधानी में ऐसे तीन हजार ट्रैवेल एजेंट अपनी टैक्सी सेवाएं दे रहे हैं जिनका

By Jagran News NetworkEdited By: Published: Tue, 09 Dec 2014 02:15 PM (IST)Updated: Wed, 10 Dec 2014 08:37 AM (IST)
निजी कारों से टैक्सी सर्विस चला रहे 3000 ट्रैवल एजेंट

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उबर और अन्य वेब आधारित टैक्सी सेवाओं पर रोक के बावजूद दिल्ली में किराये पर टैक्सी सेवा लेने वालों की मुश्किलें आसान हो जाएंगी इसमें संदेह है। कारण, उबर जैसी वेब आधारित टैक्सी सेवाओं के अलावा राजधानी में ऐसे तीन हजार ट्रैवेल एजेंट अपनी टैक्सी सेवाएं दे रहे हैं जिनका दिल्ली मोटर वाहन कानून के तहत कोई पंजीकरण नहीं है।

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दिल्ली में कई प्रकार की टैक्सी सेवाएं चल रही हैं। एक काली-पीली टैक्सियां, दूसरी पीली नंबर प्लेट वाली कामर्शियल टैक्सियां, तीसरी रेडियो टैक्सियां और चौथी ऑनलाइन और मोबाइल एप आधारित बुकिंग वाली टैक्सियां। परंतु पांचवीं श्रेणी उन टैक्सियों की है जो हैं तो प्राइवेट कारें लेकिन इनका उपयोग टैक्सी सेवाओं के लिए अनधिकृत रूप से किया जाता है।

इस तरह की टैक्सी सेवाएं देने वाले कम से कम तीन हजार ट्रैवेल एजेंट दिल्ली में कार्यरत हैं। बाकी टैक्सी सेवाओं में शायद कुछ ही पंजीकृत न हों, परंतु इन ट्रैवल एजेंटों में अधिकांश का कोई पंजीकरण दिल्ली मोटर वाहन कानून-81 के तहत नहीं है। जबकि मोटर वाहन कानून के अनुसार ऐसा होना आवश्यक है।

परिवहन क्षेत्र में अनुसंधान से जुड़ी संस्था फाउंडेशन आफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग के अनुसार वेब और मोबाइल एप आधारित टैक्सी सेवाओं पर रोक लगाने के बावजूद यदि इन अनधिकृत ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण नहीं हुआ तो पूरे अभ्यास का कोई लाभ जनता को होने वाला नही हैं। अक्सर ये एजेंट अपने ड्राइवरों का पुलिस वेरीफिकेशन नहीं कराते। फलस्वरूप इनके ड्राइवरों का व्यवहार भी संतोषजनक नहीं है । पुलिस और परिवहन विभाग की मिलीभगत से इन ट्रैवेल एजेंटों का धंधा धड़ल्ले से फल-फूल रहा है।

मुंबई में मुस्तैदी बढ़ी
उबर कैब में दुष्कर्म के बाद दूसरे शहरों में भी टैक्सी सर्विस को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। मुंबई पुलिस ने सबक लेते हुए ये ऐहतियाती उपाय करने का फैसला किया है।’

- मुंबई में मौजूद सभी टैक्सियों की गिनती होगी।

- सभी ड्राइवरों का पुलिस वेरिफीकेशन होगा और नियम बदलेंगे।

- सभी टैक्सी सर्विस का डाटाबेस तैयार होगा।

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