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    काला धन स्कीम में बढ़ेगी टैक्स भुगतान की समयसीमा

    By Gunateet OjhaEdited By:
    Updated: Thu, 07 Jul 2016 10:46 PM (IST)

    सरकार ने इस पर कर की रकम किस्तों में चुकाने का इंडिया इंक का अनुरोध स्वीकार कर लिया है।

    नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्र सरकार काले धन से जुड़ी आय घोषणा योजना (आइडीएस) के तहत उजागर की गई राशि पर टैक्स भुगतान की तय समयसीमा बढ़ा सकती है। सरकार ने इस पर कर की रकम किस्तों में चुकाने का इंडिया इंक का अनुरोध स्वीकार कर लिया है।

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    आइडीएस के तहत देश के भीतर जमा काला धन को उजागर करने के लिए पहली जून से 30 सितंबर तक के लिए अनुपालन खिड़की (कंप्लायंस विंडो) खोली गई है। इस सुविधा के तहत घोषित काली कमाई पर 30 नवंबर तक टैक्स व जुर्माने की 45 फीसद रकम जमा कराई जा सकती है।एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि सरकार कर भुगतान की इस समयसीमा को बढ़ाने पर सकारात्मक ढंग से विचार कर रही है। सरकार को पता है कि नवंबर के आसपास नकदी का संकट रहता है। जहां तक टैक्स और जुर्माने का सवाल है तो इसे किस्तों में अदा किया जा सकता है।' वित्त मंत्री अरुण जेटली की पिछले महीने उद्योग सगठनों, चार्टर्ड अकाउंटेंटों और टैक्स पेशेवरों के साथ हुई बैठक के बाद अधिकारियों की ओर से यह टिप्पणी आई है।

    इस बैठक का आयोजन आइडीएस से जुडी चिंताओं को समझने के लिए किया गया था। इसमें कई संगठनों ने कर भुगतान में ढील देने और योजना के विस्तार की मांग की थी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अक्सर पूछे जाने वाले सवालों के रूप में इस स्कीम के स्पष्टीकरण के तीन सेट जारी किए हैं। यह योजना निवासी व अनिवासी दोनों खंडों में लागू होगी, जो आय घोषणा योजना (आइडीएस) के तहत अपना देश के भीतर स्थित काला धन उजागर कर सकते हैं। अधिकारी ने कहा, 'अब भी लोगों के सवाल मिल रहे हैं। आयकर विभाग की ओर से और स्पष्टीकरण जारी किए जाएंगे। आइडीएस को सफल बनाने के लिए राजस्व सचिव हसमुख अढिया हर हफ्ते वरिष्ठ कर अधिकारियों के साथ वार्ता कर रहे हैं, ताकि योजना के संबंध में हुई प्रगति का आकलन किया जा सके।

    गोपनीयता पर जारी होगी अधिसूचना

    सीबीडीटी काले धन वालों की गोपनीयता को लेकर आशंकाएं दूर करने के लिए नई अधिसूचना जारी कर सकता है। इसमें यह स्पष्ट कर दिया जाएगा कि आइडीएस में अपनी काली कमाई घोषित करने वालों की जानकारी पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी। ऐसे लोगों को आश्वस्त करने के लिए अधिसूचना में आयकर कानून की धारा 138 का भी जिक्र होगा, जो कहती है कि करदाता से जुड़ी कोई भी जानकारी गोपनीय है और इसे किसी और के साथ साझा नहीं किया जा सकता है।

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