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    साइरस व नुस्ली को चलता करो : टाटा संस

    By Sachin BajpaiEdited By:
    Updated: Fri, 11 Nov 2016 10:06 PM (IST)

    इस बीच ओपी भट्ट ने अपनी चिंताओं की अनदेखी किए जाने पर टाटा केमिकल्स के निदेशक बोर्ड से गुरुवार को इस्तीफा दे दिया।

    जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली । साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद से समूह में घमासान जारी है। शुक्रवार को हुई टाटा स्टील के निदेशक बोर्ड की बैठक में मिस्त्री को बोर्ड से रुखसत किए जाने पर कोई फैसला नहीं हो पाया। इसके बाद टाटा संस ने देर शाम कंपनी को साइरस और नुस्ली वाडिया को निदेशक पद से चलता करने के लिए असाधारण आमसभा (ईजीएम) बुलाने का निर्देश जारी कर दिया। बोर्ड की शुक्रवार को हुई बैठक वित्तीय परिणाम जारी करने तक सीमित रही। इस बीच ओपी भट्ट ने अपनी चिंताओं की अनदेखी किए जाने पर टाटा केमिकल्स के निदेशक बोर्ड से गुरुवार को इस्तीफा दे दिया।

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    टाटा संस के निशाने पर साइरस मिस्त्री के साथ अचानक नुस्ली के आने के पीछे टाटा केमिकल्स से मिला साइरस को समर्थन बताया जाता है। टाटा केमिकल्स के जिन स्वतंत्र निदेशकों ने मिस्त्री के पक्ष में बयान जारी कर अपना सार्वजनिक समर्थन जारी किया था, उनमें वाडिया भी थे। इसके तुरंत बाद ही टाटा संस ने साइरस के साथ नुस्ली को भी सभी कंपनियों के निदेशक पद से हटाने का अहम फैसला लिया। साइरस व नुस्ली वाडिया को हटाने के लिए होने वाली ईजीएम में कंपनी के संस्थागत निवेशकों समेत सभी शेयरधारक शामिल होंगे। ऐसा माना जा रहा है कि रतन को शेयरधारकों का समर्थन प्राप्त है। इसलिए साइरस व नुस्ली को हटाने में कोई खास परेशानी नहीं होगी। समूह की कंपनियों में स्वतंत्र निदेशकों के साइरस के पक्ष में खड़ा होने से टाटा संस परेशान है। ऐसे में उसने इसकी काट के रूप में ईजीएम का मोहरा फेंका है। ईजीएम में किसी निदेशक को हटाए जाने का फैसला लिए जाते ही बोर्ड की कोई भी राय बेमतलब हो जाएगी।

    टाटा मोटर्स व टाटा केमिकल्स को भी ऐसी ही ईजीएम बुलाकर साइरस मिस्त्री व नुस्ली वाडिया को निदेशक बोर्ड से बाहर का रास्ता दिखाने को कहा गया है। वैसे, टाटा मोटर्स की बोर्ड बैठक 14 नवंबर को होने वाली है। इस कंपनी के एमडी गुंटर बुशेक की नियुक्ति साइरस के कार्यकाल में ही हुई थी। टाटा संस की टाटा मोटर्स में 26.51 फीसद हिस्सेदारी है। उसकी टाटा केमिकल्स में हिस्सेदारी 19.35 फीसद है।

    सूत्र बताते हैं कि फिलहाल टाटा संस की इंडियन होटल्स के एमडी राकेश सरना के अलावा गुंटर बुशेक पर तिरछी नजर है। ताज होटल चलाने वाली इस कंपनी के स्वतंत्र निदेशकों ने ही सबसे पहले साइरस को चेयरमैन बने रहने का समर्थन किया था। मिस्त्री और टाटा समूह के बीच एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं। बीते दिन समूह ने साइरस की योग्यता और मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए नौ पन्ने का पत्र जारी किया था।