स्वच्छ भारत अभियान के दो वर्ष पूरे, जानें- कितना बदल गया देश
वर्ष 2019 तक संपूर्ण स्वच्छता के साथ लांच हुए ‘स्वच्छ भारत अभियान’ ने आज दो साल पूरे कर लिए। एक सर्वे के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट की रफ्तार धीमी है पर कुछ सुधार देखने को मिल रहा है।
नई दिल्ली। 2 अक्टूबर 2014 को टेलीविजन पर विशेष दृश्य देखने को मिला था जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में झाड़ू था और वे दिल्ली की सड़कों की सफाई कर रहे थे। इसके साथ ही उन्होंने नई दिल्ली के राजघाट पर इस अभियान को आधिकारिक तौर पर लांच किया था। ‘हर सपना सच करेगा इंडिया, बनेगा स्वच्छ इंडिया’ के साथ शुरु हुआ स्वच्छ भारत अभियान ने आज दो साल पूरे कर लिए। इस अवसर पर आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित स्वच्छ भारत अभियान में हिस्सा लिया। वहीं गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर नई दिल्ली के रफी मार्ग पर पब्लिक टॉयलेट का उद्घाटन किया।
कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क में स्वच्छ भारत रैली को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने संबोधित करते हुए कहा,’कोई बड़ा बुजुर्ग अगर कुछ कूड़ा कागज फेंकता है सड़क पर तो उसे रोकने का काम हमारे बच्चे करते हैं।‘ इसके बाद शिवाजी स्टेडियम में उन्होंने सुरक्षा कर्मचारियों के साथ खाना भी खाया।
महाराष्ट्र में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, कोलकाता में मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडेकर और नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने स्वच्छता अभियान में हिस्सा लिया।
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गांधी जयंती के अवसर पर शुरू किए गए इस अभियान के दो साल पूरेे होने पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लोग प्रधानमंत्री को शुभकाामनाएं दे रहे हैं।
Congratulating Shri @narendramodi on successfully completing two years journey of #SwachhBharatAbhiyan
— Dilip Ghosh (@DilipGhoshBJP) October 2, 2016
Super initiative! #SwachhBharatAbhiyan #SwachhBengaluru #GandhiJayanti https://t.co/hkn72I8Liy
— Citizen Matters (@citizenmatters) October 2, 2016
2019 तक संपूर्ण स्वच्छता का वादा
यह भारत सरकार द्वारा शुरु किया गया राष्ट्रीय अभियान है जिसके तहत देश के 4,041 शहरों की गलियों और सड़कों की सफाई का जिम्मा लिया गया है। 2 अक्टूबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के राजघाट पर इस अभियान को आधिकारिक तौर पर लांच किया था। भारत में अब तक का यह सबसे बड़ा अभियान है जिसमें भारत के स्कूल व कॉलेजों और सरकार के 3 मिलियन कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। स्वच्छ भारत अभियान के तहत सरकार ने 2019 तक संपूर्ण स्वच्छता का वादा किया है। यानि भारत के हर घर में इस तारीख तक एक शौचालय होगा।
इन प्रदेशों में है थोड़ा सुधार
खास बात यह है कि इस अभियान में शामिल राज्यों में प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र उत्तर प्रदेश के साथ दिल्ली, पंजाब और बिहार का नाम भी शामिल है। इस अभियान के दो साल पूरे होने पर एक सर्वे के अनुसार, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में काफी प्रगति देखी गयी जबकि तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान में थोड़ा ही सुधार देखने को मिला।
जिम्मेदार हुए हैं लोग
सर्वे के अनुसार, कुछ का कहना है कि उनके नगरीय निकाय प्रभावशाली तरीके से फॉगिंग करवा रही है और पानी से होने वाली बीमारियों को लेकर जागरुक हैं, जबकि कुछ ने कहा कि कूड़े से जुड़ी शिकायतों और सड़कों पर साफ-सफाई को लेकर नगरीय निकाय पहले के मुकाबले कुछ जिम्मेदार हुए हैं। जिन शहरों में काफी सुधार देखने को मिला उनमें बेलगाम, मेंगलुरु, उदयपुर, कोयंबटूर, मदुरै, हैदराबाद, देहरादून और कोलकाता शामिल हैं। इस अभियान के सर्वे से यह भी खुलासा हुआ कि स्वच्छ भारत अभियान के शुरू होने के बाद शहर में पब्लिक टॉयलेट की उपलब्धता बढ़ी है। लोग यह भी स्वीकार कर रहे हैं कि इस अभियान की वजह से स्कूली बच्चों में जागरुकता, साफ-सफाई की समझ बेहतर हुई है।
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अभियान के राह में रोड़े
19 राज्यों व 60 शहरों में कराए गए ऑनलाइन सर्वे के अनुसार, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पजाब और बिहार कुछ ऐसे राज्य हैं जहां दो सालों में कोई प्रगति नहीं हुई। हालांकि लोगों को इस अभियान से प्रगति दिख रही है लेकिन सर्वे के परिणामों के अनुसार अभियान की गति धीमी है। स्वच्छ भारत अभियान के लिए उत्तरदायी नगरीय निकायों की नाकामी, अमलीकरण की कमजोर प्रक्रिया और आम लोगों में नागरिक हित वाले भावना की कमी ही अभियान के लिए बाधा बन रहे हैं।
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