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    शिवशंकर मेनन ने कहा, सर्जिकल स्ट्राइक स्थायी समाधान नहीं

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Wed, 12 Oct 2016 06:58 PM (IST)

    उड़ी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक पर चर्चा करते हुए मेनन ने कहा कि यह भारत की नीति में किसी बड़े बदलाव का संकेत भी नहीं है।

    वाशिंगटन, प्रेट्र : पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन का मानना है कि सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई स्थायी समाधान नहीं है। मेनन के मुताबिक गुलाम कश्मीर में भारत की सैन्य कार्रवाई की सफलता की असली परीक्षा यह होगी कि नियंत्रण रेखा पर पूरी तरह शांति हो जाए या फिर घुसपैठ कम हो जाए।

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    उड़ी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक पर चर्चा करते हुए मेनन ने कहा कि यह भारत की नीति में किसी बड़े बदलाव का संकेत भी नहीं है। यह महज आतंकियों के कुछ लांच पैड पर किया गया हमला है। इससे यकीनन उन्हें नुकसान पहुंचा है, लेकिन इतना नुकसान नहीं हुआ है कि वे इसे दोबारा तैयार नहीं कर सकते हैं।

    उन्होंने कहा कि हर सरकार ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए अपना तरीका चुनती है। मनमोहन सरकार के दौरान 2011 से 2014 तक एनएसए रहे मेनन ने ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूट में पिछले हफ्ते अपनी किताब 'च्वाइस : इनसाइड द मेकिंग ऑफ इंडियाज फारेन पालिसी' के विमोचन के मौके पर इस मुद्दे पर चर्चा की। यह किताब अगले हफ्ते बाजार में आएगी। मेनन 2006 से 2009 तक विदेश सचिव भी रहे।

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    भारत और चीन के रिश्ते में आया खिंचाव

    मेनन ने कहा कि भारत और चीन के संबंधों में खिंचाव आ गया है। इस पर नए सिरे से काम करने जरूरत है। हालांकि ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए 1988 में बनी व्यवस्था बदले हालात की वजह से अब प्रभावी नहीं रह गई है। उनका यह बयान ऐसे समय आया जब चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग भारत के दौरे पर आने वाले हैं। उन्होंने कहा, 'भारत और चीन के संबंधों में तनाव मसूद अजहर को आतंकी घोषित करने और एनएसजी (परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह) के मामलों में देख सकते हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि दोनों देशों में पर्याप्त कूटनीतिक स्तर की बातचीत नहीं हो रही है। हालांकि मैं दोनों देशें के संबंधों के भविष्य को लेकर निराशावादी नहीं हूं।'

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