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    कोली को पांचवीं बार सजा-ए-मौत

    By Edited By:
    Updated: Mon, 24 Dec 2012 10:06 PM (IST)

    देश के बहुचर्चित निठारी कांड से जुड़े पांच साल की बच्ची की हत्या मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एस लाल ने दोषी सुरेंद्र कोली को मौत की सजा सुनाई ह ...और पढ़ें

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    गाजियाबाद [जागरण संवाददाता]। देश के बहुचर्चित निठारी कांड से जुड़े पांच साल की बच्ची की हत्या मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एस लाल ने दोषी सुरेंद्र कोली को मौत की सजा सुनाई है। यह पांचवां मामला है, जिसमें कोली को मृत्युदंड दिया गया है। अदालत ने कोली पर 25 हजार का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने कहा है कि कोली के मन में हमेशा यही भावना रहती थी कि किसको मारूं, किसको काटूं या खाऊं। इन परिस्थितियों में वह समाज के लिए बहुत बड़ा खतरा है। उसके सुधार व पुनर्वास की कोई संभावना नहीं है।

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    सीबीआइ अदालत ने शनिवार को सुरेंद्र कोली को दोषी करार दिया था। सोमवार को सुनवाई के दौरान सीबीआइ की ओर से विशेष लोक अभियोजक जेपी शर्मा ने कहा कि कोली ने जो कृत्य किया है, बेहद गंभीर है। बच्चों की हत्या कर उसके मांस को खाना दुर्लभ से दुलर्भ श्रेणी में आता है। इसलिए उसको मृत्युदंड की सजा दी जाए। कोली के अधिवक्ता सुबोध त्यागी ने कहा कि पूरे मामले में कोली के खिलाफ सीधे कोई मामला नहीं बनता, इसलिए उसे कम से कम सजा दी जानी चाहिए।

    क्या था मामला

    पांच वर्षीय एक बच्ची का पिता नोएडा के सेक्टर 31 स्थित मोहिंदर सिंह पंधेर की कोठी के सामने वाली कोठी में सफाई का काम करता था। चार जून, 2005 को वह शाम को सफाई कर रहा था। उसकी पुत्री पंधेर की कोठी के सामने खेल रही थी। पंधेर का नौकर सुरेंद्र कोली भी वहीं पर खड़ा था। पिता मकान के अंदर झाडू़ रखकर बाहर निकला तो बच्ची गायब थी। सात जून को उसने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। 28 फरवरी व एक मार्च, 2007 को कोली ने पटियाला हाउस कोर्ट में मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान में कहा कि उसने टॉफी देने के बहाने बच्ची को कोठी के भीतर बुलाया था। बाद में उसकी हत्या कर दी।

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