छात्रों को ब्लू व्हेल के बारे में जागरुक करें राज्यः सुप्रीम कोर्ट
केंद्र की ओर से एटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि ब्लू व्हेल की रोकथाम संभव नहीं है। इसके प्रति परिजनों को ध्यान रखने की जरूरत है। ...और पढ़ें

नई दिल्ली, जेएनएन। ब्लू व्हेल से दूर रहने के लिए राज्य सरकारें अब बच्चों को जागरुक करने के लिए बाध्य होंगी। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सचिवों को स्कूलों में सर्कुलर भेजकर बच्चों को ब्लू व्हेल के प्रति जागरूक करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने बच्चों को जिंदगी की खूबसूरती के बारे में भी जागरुक करने को कहा है।
ब्लू व्हेल से जुड़ी सभी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश के साथ खत्म कर दिया है। सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से एटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि ब्लू व्हेल की रोकथाम संभव नहीं है। इसके प्रति परिजनों को ध्यान रखने की जरूरत है। सरकार ने सीईआरटी के डीजी की अगुवाई में पैनल बनाया है जो एक हफ्ते में रिपोर्ट दाखिल करेगा।
कोर्ट ने यह भी कहा कि सारे मामले ब्लू व्हेल से जुड़े नहीं हैं। कई मामले ऐसे भी थे जिनमें फेल होने की वजह से छात्र डिप्रेशन में थे। केंद्र सरकार ने कहा कि ब्लू व्हेल को अलग तरीके से बनाया गया है। केंद्र सरकार ने कहा कि हर आम व्यक्ति इस खेल को ओपन कर नहीं खेल सकता। केंद्र सरकार ने कहा कि जिन लोगों ने ब्लू व्हेल गेम को बनाया है वो बेहद तेज है और वो केवल बच्चो और युवाओं को टारगेट कर रहे हैं।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये राष्ट्रीय समस्या है और केंद्र सरकार इसे बैन करने के लिए उचित कदम उठाए ताकि बच्चे जबरन खेल में शामिल होकर खुदकुशी करने को मजबूर ना हों।
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