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    गवाहों की सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से मांगा जवाब

    By Manish NegiEdited By:
    Updated: Fri, 08 Sep 2017 08:32 PM (IST)

    आसाराम दुष्कर्म कांड में गवाह महेन्द्र चावला व तीन अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर गवाहों को सुरक्षा दिलाए जाने की मांग की है।

    गवाहों की सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से मांगा जवाब

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सुप्रीम कोर्ट ने गवाहों की सुरक्षा की नीति पर सभी राज्यों को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। कोर्ट ने कथावाचक बापू आसाराम दुष्कर्म कांड में गवाहों को सुरक्षा मांगने की याचिका का दायरा बढ़ाते हुए ये आदेश जारी किये। आसाराम 3 अगस्त 2013 को गिरफ्तार हुए थे और तबसे जेल में हैं।

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    आसाराम दुष्कर्म कांड में गवाह महेन्द्र चावला व तीन अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर गवाहों को सुरक्षा दिलाए जाने की मांग की है। साथ ही नेशनल विटनेस प्रोटेक्शन प्रोग्राम भी बनाए जाने की मांग की है ताकि गवाहों की सुरक्षा का तंत्र स्थापित हो।

    याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एके सीकरी व न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया है कि वह सभी राज्यों को मामले में पक्षकार बनाए। कोर्ट ने सभी राज्यों को नोटिस जारी कर गवाहों की सुरक्षा को लेकर नीति पर जवाब मांगा है। कोर्ट ने याचिका का दायरा बढ़ाते हुए कहा कि ये मामला महत्वपूर्ण है और इसमें सभी राज्यों को पक्षकार बनाया जाना चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट ने मामले में पहले से पक्षकार गुजरात और उत्तर प्रदेश सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय और दे दिया है।

    गत 24 मार्च को कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश और हरियाणा को आदेश दिया था कि वह कथावाचक आसाराम के यौन उत्पीड़न मामले से जुड़े गवाहों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करे। गवाहों को सुरक्षा देने की मांग करते हुए याचिका में कहा गया है कि अब तक 10 गवाहों पर हमला हो चुका है जिसमें से 3 की मौत हो चुकी है। याचिका में मांग की गई है कि गवाहों की मौत के मामलो की जांच सीबीआइ या एसआइटी से कराई जानी चाहिए। साथ ही आसाराम के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत करने वाले परिवारों को पूर्ण सुरक्षा दी जाए। यह भी मांग की गयी है कि इस तरह के मामलों में गवाहों की सुरक्षा के लिए नेशनल विटनेस प्रोटेक्शन प्रोग्राम भी बनाया जाए। 

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