Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दुष्कर्म मामलों में स्थिति बद से बदतर होने पर गुस्से में सुप्रीम कोर्ट

    By Edited By:
    Updated: Mon, 26 Aug 2013 10:35 PM (IST)

    मुंबई में फोटो जर्नलिस्ट के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने एक बार फिर देश को हिलाकर रख दिया है। सोमवार को इसका असर सुप्रीम कोर्ट में दिखाई दिया। देश ...और पढ़ें

    Hero Image

    नई दिल्ली। मुंबई में फोटो जर्नलिस्ट के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने एक बार फिर देश को हिलाकर रख दिया है। सोमवार को इसका असर सुप्रीम कोर्ट में दिखाई दिया। देश में दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। कोर्ट ने केंद्र सरकार, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी कर दुष्कर्म पीड़िताओं की मदद एवं पुनर्वास के लिए समग्र नीति बनाने का निर्देश दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हरियाणा के एक सामूहिक दुष्कर्म मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति आरएम लोधा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सिस्टम में कहां खामी है। क्यों दुष्कर्म के नब्बे फीसद मामले बरी हो जाते हैं। क्यों बार-बार ऐसी घटनाएं हो रही हैं और वो भी ज्यादातर मेट्रोपोलिटन शहरों में। पीठ ने कहा कि यह मामला व्यापक जनहित से जुड़ा है, इसलिए वे इस पर राष्ट्रीय स्तर पर विचार करेंगे। कोर्ट ने केंद्र सरकार, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे दुष्कर्म पीड़िताओं की मदद और पुनर्वास के लिए जल्दी ही नीति बनाएं। पुनर्वास नीति में स्कूल जाने वाली लड़कियों का ध्यान रखा जाए। उनके रहने की व्यवस्था हो, मुआवजे के साथ पीड़िताओं और गवाहों की सुरक्षा के मुद्दे को भी ध्यान में रखा जाए। पीठ ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह अपनी याचिका में संशोधन कर सभी राज्यों को इसमें पक्षकार बनाएं।

    इससे पहले याचिकाकर्ता के वकील कोलिन गोंसाल्विस ने कहा कि यह मामला पिछले वर्ष अगस्त का है जिसमें चलती कार में एक नाबालिग दलित लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। हरियाणा की नीलोखाड़ी तहसील में रहने वाली ग्यारहवीं की इस छात्रा की प्रताड़ना यहीं खत्म नहीं हुई। केस वापस न लेने पर अभियुक्तों ने उसकी मां की हत्या कर दी और परिवार को धमकियां मिलीं। पीड़िता को स्कूल से निकाल दिया गया। गोंसाल्विस ने कहा कि याचिका देने के बाद हरियाणा पुलिस ने परिवार को सुरक्षा तो दी, लेकिन शर्त है कि सुरक्षाकर्मियों के आने-जाने और भोजन का खर्च पीड़िता ही उठाएगी। उन्होंने पीड़िता को मुआवजा दिलाने, उसके परिवार के पुनर्वास, उसके भाई बहनों का केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश और हास्टल में रहने की व्यवस्था के साथ सारा खर्च उठाने का निर्देश मांगा। पीड़िता एवं उसके पिता को सरकारी नौकरी और सरकार से मुकदमे का खर्च उठाने की मांग की गई।

    मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर