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    सुनंदा मिस्ट्री: किसी भी लैब में जहर का नहीं लगेगा पता

    By Rajesh NiranjanEdited By:
    Updated: Wed, 14 Jan 2015 10:17 AM (IST)

    पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की हत्या किस जहर से हुई, दुनिया की किसी भी लैब में इसका पता लगाना मुश्किल होगा। फॉरेंसिक विशेषज्ञों का कहना है कि सुनंदा का विसरा एक साल पहले लिया गया था, इतने समय बाद जहर की पहचान करना मुश्किल होगा।

    नई दिल्ली, [राकेश कुमार सिंह]। पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की हत्या किस जहर से हुई, दुनिया की किसी भी लैब में इसका पता लगाना मुश्किल होगा। फॉरेंसिक विशेषज्ञों का कहना है कि सुनंदा का विसरा एक साल पहले लिया गया था, इतने समय बाद जहर की पहचान करना मुश्किल होगा। विसरा का नमूना लेने पर इस तरह का जहर नमूने से धीरे-धीरे खत्म हो जाता है। दिल्ली पुलिस के लिए यह परेशान करने वाली बात हो सकती है। सुनंदा हत्याकांड की जांच कर रहे एसआइटी प्रमुख डीसीपी दक्षिण जिला प्रेमनाथ और एम्स के फॉरेंसिक विभाग के प्रमुख डॉ. सुधीर गुप्ता ने इस पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया है।

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    एम्स के मेडिकल बोर्ड ने 29 दिसंबर की अपनी रिपोर्ट में छह तरह के जहरों का हवाला देकर कहा था कि इनकी जांच अपने देश में नहीं हो सकती है। इनमें मेटालिक रेडियो एक्टिव, थैलियम और पोलोनियम तत्व शामिल हैं। करीब 25 हजार पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार कर चुके फॉरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. कृष्ण कुमार का कहना है कि सालभर बाद दुनिया की किसी भी लैब में इनका पता लगा पाना आसान नहीं होगा। थैलियम और पोलोनियम की जांच पोस्टमार्टम के समय एक्स-रे से हो सकती है। सुनंदा के मामले में ऐसा नहीं हुआ।

    विसरा जांच में लगा एक साल

    फॉरेंसिक विशेषज्ञों का कहना है कि सुनंदा का विसरा पहले सीएफएसएल में जांच के लिए लिया गया। इसके बाद नमूना कितना बचा होगा और कैसा होगा, यह भी बड़ा सवाल है। विसरा जांच में करीब तीन घंटे लगते हैं, लेकिन सुनंदा के मामले में साल भर लग गया। हो सकता है कि सुनंदा को बिना स्वाद और गंध वाला जहर खिलाया गया हो। इंजेक्शन से जहर देने की संभावना कम लगती है, क्योंकि कलाई के पास आसानी से इंजेक्शन नहीं लगाया जा सकता है। इसके लिए कम से कम तीन लोगों की जरूरत पड़ेगी। जिस तरह सुनंदा का शव बिस्तर पर पड़ा था, उससे ऐसा भी नहीं लग रहा था कि जोर-जबरदस्ती की गई हो।

    दांतों के निशान से हो सकता था मिलान

    पोस्टमार्टम की अंतिम रिपोर्ट में सुनंदा के हाथ में दांतों से काटने के निशान मिले हैं, ऐसे में उसका नमूना लेना जरूरी था। शक के दायरे में आए लोगों के दांतों के निशान मिलाकर मामले को सुलझाया जा सकता था, लेकिन इस केस में ऐसा कुछ भी नहीं किया गया।

    सुनंदा के कातिल का नाम बताएं स्वामी: थरूर

    नई दिल्ली, जेएनएन। सुनंदा पुष्कर मौत मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर और वरिष्ठ भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी आमने-सामने आ गए हैं। शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि सुब्रमण्यम स्वामी को पुलिस को बताना चाहिए कि उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर की हत्या किसने की। एक पत्रकार ने थरूर से पूछा था कि क्या सुब्रमण्यम स्वामी को सुनंदा के कातिल के बारे में पता है। इस पर थरूर ने कहा कि स्वामी कहते आए हैं कि उनके पास सुनंदा की हत्या के सुबूत हैं। इसलिए उन्हें सुनंदा के हत्यारे का नाम पुलिस को बताना चाहिए। थरूर के इस बयान पर स्वामी ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं कहा कि मुझे कातिल का नाम पता है। थरूर को हिरासत में लेकर पूछताछ होनी चाहिए। उन्हें इस बारे में जानकारी है।

    गौरतलब है कि सुब्रमण्यम स्वामी शुरू से ही यह कहते आए हैं कि सुनंदा की मौत नहीं बल्कि उनकी हत्या की गई। उनका यह भी कहना है कि थरूर सुनंदा की हत्या में शामिल नहीं हैं लेकिन उनकी पत्नी की हत्या किसने की, इस बारे में उन्हें पता है। थरूर ने सुनंदा की हत्या में मदद पहुंचाई।

    51 वर्षीय सुनंदा पुष्कर की पिछले साल 17 जनवरी को पंचतारा होटल लीला में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह दुर्लभ जहर बताया गया। इसकी जांच देश के किसी भी लैब में संभव नहीं है। इसलिए दिल्ली पुलिस जल्द ही विसरा को विदेश के लैब में भेजेगी ताकि घटना का खुलासा हो सके।

    पढ़ें: सुनंदा मामले में पुलिस पर लग रहे आरोप बेबुनियाद: बस्सी

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