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    लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन बोलीं, आरक्षण के लिए राजनीतिक व्यवस्था जिम्मेदार

    By Manish NegiEdited By:
    Updated: Sun, 24 Jan 2016 11:07 AM (IST)

    लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आरक्षण के लिए राजनीतिक व्यवस्था को जिम्मेदार बताया। विधानसभाओं के सत्र की अवधि पर उन्होंने कहा कि जनसमस्याओं के लिए राजनीतिक दलों को और जिम्मेदार होने की जरूरत है। हंगामे के नाम पर सत्र की अवधि को कम करना लोकतंत्र के लिए खतरा है।

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    अहमदाबाद।लोकसभा अध्यक्ष ने आरक्षण को लेकर कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर ने 10 वर्ष के लिए आरक्षण की व्यवस्था करते हुए माना था कि इन वर्षो में पिछड़ों को बराबरी मिल जाएगी, लेकिन 65 साल बाद भी दलित व पिछड़ों की हालत जस की तस है। महाजन ने आरक्षण के लिए वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि हर दस वर्ष में जब आरक्षण की अवधि बढ़ाने का संसद में प्रस्ताव आता है तब सभी दलों के नेता इसका समर्थन करते हैं।

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    विधानसभा सत्र की अवधि पर अब मनमानी नहीं

    राज्य सरकारें अब विधानसभाओं के सत्र की अवधि पर मनमानी नहीं कर सकेंगी। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की मौजूदगी में आयोजित देश भर की विधानसभाओं के अध्यक्षों व सचिवों के सम्मेलन में सत्र की अवधि पर प्रस्ताव पारित किया गया है।

    गांधीनगर विधानसभा में पीठासीन व निकाय अधिकारियों के तीन दिवसीय सम्मेलन के आखिरी दिन सर्वसम्मति से छोटी विधानसभा के लिए 30 दिनों की तथा बड़ी विधानसभाओं के लिए 60 दिनों की सत्र अवधि का प्रस्तााव पारित किया है।

    लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने पत्रकारों को बताया कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए चर्चा व संवाद जरूरी है। वैचारिक असहमति होने के बावजूद लोकसभा व विधानसभाओं में सदस्यों के बीच विचार विमर्श होगा तभी जनता की समस्याओं का हल होगा।

    पिछड़े वर्ग के सदस्यों को मिले ज्यादा समय

    राज्यापाल ओपी कोहली ने समापन सत्र में कहा कि सदन की छोटी अवधि स्वस्थ लोकतंत्र की निशानी नहीं है। सदन में सबको समान अधिकार मिलना चाहिए लेकिन अजा, जजा व पिछड़े वर्ग के सदस्यों को विशेष अवसर दिया जाना चाहिए ताकि इस वर्ग की समस्याएं सामने आ सके। कोहली ने कहा कि महिलाओं को भी संसदीय प्रणाली में अधिक मौका दिया जाना चाहिए।

    विधानसभा अध्यक्षों व सचिवों के सम्मेलन में 29 राज्यों के अध्यक्षों ने भाग लिया। सम्मेलन में 26 राज्यों से उपाध्यक्ष भी आए थे। पत्रकार वार्ता के दौरान लोकसभा अध्य्क्ष के साथ लोकसभा महासचिव अनूप मिश्र व राज्यसभा महासचिव शमशेर शरीफ भी मौजूद थे।