साल भर पहले भी चर्चा में था सुकमा
छत्तीसगढ़ में शनिवार को सुकमा से लौटते समय कांग्रेस की परिवर्तन यात्र पर माओवादियों ने तोंगपाल व दरभा के बीच जीरमघाट पर हमला किया। एक साल पहले भी सुकमा तब सुर्खियों में था, जब यहां के कलेक्टर एलेक्स पाल मेनन का माओवादियों ने अपहरण कर लिया था। शनिवार को सुकमा की परिवर्तन यात्र में शामिल
जगदलपुर, जागरण न्यूज नेटवर्क। छत्तीसगढ़ में शनिवार को सुकमा से लौटते समय कांग्रेस की परिवर्तन यात्र पर माओवादियों ने तोंगपाल व दरभा के बीच जीरमघाट पर हमला किया। एक साल पहले भी सुकमा तब सुर्खियों में था, जब यहां के कलेक्टर एलेक्स पाल मेनन का माओवादियों ने अपहरण कर लिया था। शनिवार को सुकमा की परिवर्तन यात्रा में शामिल कांग्रेसी नेताओं को यह भान भी नहीं रहा होगा कि वापसी उनके लिए जिंदगी और मौत का सफर साबित होगी।
सुकमा जिले का गठन जनवरी, 2012 में दंतेवाड़ा से अलग करके किया गया था। जिले के जगरगुंडा व चिंतलनार क्षेत्र में नक्सलियों की तूती बोलती है। इसी क्षेत्र के ताड़मेटला में 6 अप्रैल, 2010 को नक्सलियों ने अब तक की सबसे बड़ी नक्सली घटना को अंजाम दिया था, जिसमें 73 जवानों की शहादत हुई थी। सुकमा के पहले कलेक्टर मेनन का अपहरण पिछले साल केरलापाल के मांझीपारा से ग्राम सुराज अभियान के दौरान नक्सलियों ने किया था।
शनिवार को फिर एक बार अब तक की सबसे बड़ी राजनीतिक घटना को नक्सलियों ने अंजाम दिया। सुकमा में आयोजित सभा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, महेंद्र कर्मा व पूर्व विधायक उदय मुदलियार समेत अन्य के लिए अंतिम साबित हुई।
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