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गोवध पर हरियाणा में कड़ा कानून, होगी दस साल की कैद

हरियाणा की भाजपा सरकार ने गो संरक्षण एवं गो संवर्धन कानून बना दिया है। गोवध पर हरियाणा का कानून दूसरे राज्यों से काफी कड़ा है। इसमें अधिकतम दस वर्ष की कैद होगी और तीस हजार रुपये से एक लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है। जुर्माना न भरने

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Tue, 17 Mar 2015 12:05 AM (IST)Updated: Tue, 17 Mar 2015 03:22 AM (IST)
गोवध पर हरियाणा में कड़ा कानून, होगी दस साल की कैद

चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो। हरियाणा की भाजपा सरकार ने गो संरक्षण एवं गो संवर्धन कानून बना दिया है। गोवध पर हरियाणा का कानून दूसरे राज्यों से काफी कड़ा है। इसमें अधिकतम दस वर्ष की कैद होगी और तीस हजार रुपये से एक लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है। जुर्माना न भरने पर एक वर्ष का और कारावास भुगतना होगा।

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सरकार की ओर से सदन में लाया गया गो संरक्षण एवं गो संवर्धन विधेयक 2015 सर्व सम्मति से पारित हो गया। महाराष्ट्र के बाद हरियाणा गो वध व गो मांस की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने वाला देश में दूसरा राज्य बन गया है। कांग्रेस विधायक कर्ण दलाल और इनेलो विधायक जाकिर हुसैन ने विधेयक पर अपने-अपने विचार भी रखे। नए कानून के तहत प्रदेश में हर तरह के गोमांस की बिक्री प्रतिबंधित रहेगी। डिब्बा बंद मांस भी नहीं बिक पाएगा। न ही गो मांस खा सकेंगे। गो तस्करी करते अगर कोई वाहन पकड़ा गया तो उसे जब्त करने के बाद नीलाम किया जाएगा।

प्रदेश सरकार ये कानून हरियाणा में लागू पंजाब गोवध निषेध अधिनियम 1955 के अप्रभावी होने पर लाई है। इसके तहत दोषियों पर कानून के तहत कड़ी कार्रवाई नहीं हो पा रही थी।

सरकार गायों को खुला छोडऩे के बजाए लोगों को घर में गाय पालने पर कुछ अनुदान राशि भी प्रदान करने का निर्णय जल्द लेगी।

कानून की खास बातें

-गो हत्या के मामले में कम से कम तीन साल कैद व तीन हजार रुपये जुर्माना, अधिकतम दस साल की कैद व एक लाख रुपये जुर्माना।

-गोकुशी के लिए गाय ले जाने वाले को कम से कम तीन साल की कैद तथा तीन हजार रुपये जुर्माना तथा अधिकतम सात साल की कैद व 70 हजार रुपये जुर्माना।

-गो मांस बेचने वाले को कम से कम तीन साल की कैद व तीस हजार रुपये जुर्माना तथा अधिकतम पांच साल की कैद व 50 हजार रुपये जुर्माना

-गाय का मांस पूर्ण रूप से प्रतिबंधित व मृत पशुओं का चर्म उतारने वालों के लिए पंजीकरण अनिवार्य।

-घर से बाहर घूमने वाली गायों के लिए अभ्यारण्य का प्रावधान।

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