Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    NSG पर दावेदारी के बीच होगी मोदी-शी जिनपिंग मुलाकात, जानिए 10 बातें

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Thu, 23 Jun 2016 11:55 AM (IST)

    आज से उज्बेकिस्तान के ताशकंद में दो दिवसीय बैठक होने जा रही है जिसमें पीएम मोदी और शी जिनपिंग मुलाकात होगी।

    Hero Image

    नई दिल्ली। परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के 48 देशों के समूह में भारत की तरफ से पुरजोर दावेदारी की कोशिशों के बीच आज उज्बेकिस्तान में होने जा रहे ताशकंद सम्मेलन से इतर भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात होगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें


    मुलाकात को लेकर दस मुख्य बातें-

    1- ऐसा माना जा रहा है कि शंघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) सम्मेलन में भाग लेने के लिए जाने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के 48 सदस्य वाले एनएसजी में प्रवेश का कड़ा विरोध कर रहे चीन से समर्थन देने की अपील कर सकते हैं।

    2- विदेश सचिव एस. जयशंकर ताशकंद सम्मेलन में ना जाकर सीधे सियोल गए हैं जहां पर गुरूवार से दो दिवसीय बैठक हो रही है। यहां पर भारत की दावेदारी पर चर्चा हो सकती है।

    3- भारत एनएसजी का सदस्य बनना चाहता है ताकि उसे कम कीमत पर साफ परमाणु ऊर्जी मिल सके।

    4- अमेरिका और फ्रांस समेत कई देशों ने एनएसजी में भारत की सदस्यता के दावे का समर्थन किया है लेकिन चीन इसमें सबसे बड़ा रोड़ा बना हुआ है।

    ये भी पढ़ें- सियोल मीटिंग पर टिकी नजर, NSG सदस्यता के लिए भारत ने झोंकी ताकत

    5- चीन ने साफतौर पर कह दिया है कि सियोल में होनेवाली बैठक में उन्हीं सदस्यों की दावेदारी पर चर्चा होगी जिन्होंने एनपीटी पर दस्तखत कर दिया है।

    6- चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चिनयिंग ने कहा कि एनएसजी के सदस्यों ने भारत और पाकिस्तान की सदस्यता को लेकर अनाधिकारिक तौर पर तीन दौर की चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस पूरी चर्चा में चीन सकारात्मक भूमिका निभाएगा हालांकि इस पूरे मामले पर सबकी निगाहें बनी हुई है।

    7- चीन विरोध कर रहे देशों की अगुवाई कर रहे हैं जबकि भारत की दावेदारी के विरोध में तुर्की, दक्षिण अफ्रीका, आयरलैंड और न्यूज़ीलैंड भारत की दावेदारी का विरोध कर रहे हैं।

    ये भी पढ़ें- ताशकंद में शी-पीएम की होगी मुलाकात, क्या NSG पर बनेगी बात

    8- विरोधियों का तर्क ये है कि एनपीटी अंतर्राष्ट्रीय परमाणु अप्रसार व्यवस्था की कानूनी और राजनीतिक प्रक्रिया है। लेकिन, अगर भारत को बिना इस पर दस्तखत किए एनएसजी का सदस्य बनाया जाता है तो इसकी अहमियत कम हो जाएगी।

    9- एनएसजी सर्वसम्मति पर काम करता है। अगर एक वोट भी भारत के खिलाफ गया तो ये एनएसजी में भारत के प्रवेश को रोक सकता है।

    10- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एनएसजी में भारत के प्रवेश के लिए पुरजोर कोशिशें कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने अमेरिका, स्वीट्जरलैंड और मैक्सिको समेत कई महत्वपूर्ण देशों से बातें की है।