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    विजय माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी

    By Atul GuptaEdited By:
    Updated: Mon, 18 Apr 2016 07:29 PM (IST)

    आइडीबीआइ बैैंक से 900 करोड़ रुपये के गलत इस्तेमाल के आरोप में विजय माल्या की मुसीबतें बढ़ती जा रही है। मुंबई की स्थानीय अदालत ने माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। उनका पासपोर्ट पहले ही निलंबित किया जा चुका है।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आइडीबीआइ बैैंक से 900 करोड़ रुपये के गलत इस्तेमाल के आरोप में विजय माल्या की मुसीबतें बढ़ती जा रही है। मुंबई की स्थानीय अदालत ने माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। उनका पासपोर्ट पहले ही निलंबित किया जा चुका है। ऐसे में माल्या के लिए कानूनी रूप से विदेश में रहना मुश्किल हो जाएगा। भारत अब ब्रिटेन पर माल्या के प्रत्यर्पण के लिए दबाव बना सकता है और इंटरपोल से रेड कार्नर नोटिस जारी करने को कह सकता है।

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    अदालत में विजय माल्या के वकील ने गैर जमानती वारंट का जमकर विरोध किया है। उनके वकील का कहना था कि आइडीबीआइ से लिए गए लोन का दुरुपयोग नहीं किया गया है, जबकि ईडी का आरोप था कि 900 करोड़ रुपये को लोन में से बड़े हिस्से के निजी इस्तेमाल में खर्च करने के सबूत मिले हैैं। माल्या के वकील ने कहा कि वे बैैंक लोन के सही उपयोग के बारे में दस्तावेजी सबूत देने को तैयार हैैं।

    उन्होंने कहा कि 900 करोड़ रुपये के लोन का इस्तेमाल किंगफिशर एयरलाइंस में ही हुआ था। लेकिन विजय माल्या के वकील के पास इस सवाल का कोई संतोषजनक जबाव नहीं था कि वे ईडी के तीन सम्मन के बावजूद पूछताछ के लिए क्यों नहीं हाजिर हुए। आखिरकार अदालत ने माल्या के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया।

    ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत विजय माल्या के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। इस कड़ी में माल्या का पासपोर्ट शुक्रवार को निलंबित किया जा चुका है और अब अदालत से गैर जमानती वारंट जारी कराया गया है। गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद विजय माल्या के लिए ब्रिटेन में रहना आसान नहीं होगा।

    इसके बाद भारत माल्या के प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटेन पर दबाव बना सकता है। इसके साथ ही ईडी इसके आधार पर इंटरपोल से रेड कार्नर नोटिस जारी करने को भी कह सकता है। उन्होंने कहा कि माल्या को हाजिर होने के लिए पूरा वक्त दिया गया। लेकिन अब पूरी तत्परता के साथ कार्रवाई की जा रही है। उनके अनुसार माल्या के खिलाफ अगले कदम के बारे में जल्द ही फैसला लिया जाएगा।

    जानिए, क्या है विजय माल्या का केस?
    -विजय माल्या पर 17 बैंकों का 9000 करोड़ रुपये का बकाया है।

    -स्टेट बैंक ने वर्ष 2015 में माल्या को विलफुल डिफॉल्टर करार दिया था। इसके बाद कई और बैंक भी ऐसा कर चुके हैं।

    - विजय माल्या के साथ उनकी होल्डिंग कंपनी यूनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग्स और किंगफिशर एयरलाइन्स को भी विलफुल डिफॉल्टर हैं।

    - माल्या की किंगफिशर एयरलाइन्स अक्टूबर 2012 से बंद पड़ी है। विजय माल्या किंगफिशर एयरलाइन्स चलाते थे। इस कंपनी का घाटा साल-दर-साल बढ़ता रहा। वे बैंकों से लगातार कर्ज लेते रहे।

    - उन पर बकाया कर्ज 9000 करोड़ रुपए तक हो गया। उनके ट्रेडमार्क सीज किए गए। लेकिन पूरी रिकवरी नहीं हो पाई।

    - फरवरी में बैंकों ने पहले कर्ज रिकवरी ट्रिब्यूनल और फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

    - लेकिन फरवरी में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट का सरकार के ही वकीलों ने बताया कि माल्या 2 मार्च को देश छोड़कर जा चुके हैं।

    - माल्या के खिलाफ सीबीआई जांच कर रही है। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है।

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