अकेली पड़ी कांग्रेस, मुलायम हुए कठोर
मानसून सत्र के अंतिम सप्ताह में भी संसद में गतिरोध जारी है। सोमवार को अपने निलंबित सांसदों की वापसी के साथ लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने पहुंची कांग्रेस विरोध के अपने रुख पर कायम रही। कांग्रेस सांसद सदन में फिर काली पट्टियां बांध कर आए। जबकि, समाजवादी पार्टी के
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मानसून सत्र के अंतिम सप्ताह में भी संसद में गतिरोध जारी है। सोमवार को अपने निलंबित सांसदों की वापसी के साथ लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने पहुंची कांग्रेस विरोध के अपने रुख पर कायम रही। कांग्रेस सांसद सदन में फिर काली पट्टियां बांध कर आए। जबकि, समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह की सदन को सुचारू करने की कोशिश कांग्रेस आलाकमान के कड़े तेवरों के चलते नाकाम रही। हालांकि, कांग्रेस की यह आक्रामकता अब उस पर भारी पड़ती दिख रही है। पार्टी शेष विपक्ष व संसद में अलग-थलग होती जा रही है।
सपा ने छोड़ा कांग्रेस का साथ
सोमवार को लोकसभा में हंगामे के बीच मुलायम सिंह यादव की पहल पर लोकसभा अध्यक्ष ने कोई मान्य रास्ता तलाशने के लिए बैठक भी बुलाई। हालांकि, मुलायम के सुझाव से सोनिया सहमत नहीं दिखीं, उन्हें इसके विरोध में 'ना' कहते व अपने नेताओं को नारेबाजी करते रहने के निर्देश देते देखा गया। बैठक में कांग्रेस के सहयोगी माने जा रहे जद यू, राजद और आप सांसदों ने भी हिस्सा लिया। बैठक के बाद कांग्रेस के रुख से बिफरे मुलायम ने विरोध को लेकर कांग्रेस का साथ देने से इंकार कर दिया। लोकतंत्र का हवाला देते हुए मुलायम ने कहा, 'मैं चाहता हूं संसद की कार्यवाही चले। मैं अब कांग्रेस के विरोध का समर्थन नहीं करूंगा।' मुलायम ने कहा, 'उनकी पार्टी ने सांसदों के निलंबन की वजह से संसद का बहिष्कार नहीं किया था।' सपा को इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी, जदयू व तृणमूल कांग्रेस का समर्थन भी मिला है। ऐसे में अब इस्तीफे की कांग्रेसी जिद के साथ महज वाम दल ही खड़े नजर आ रहे हैं।
सरकार ने उठाए सवाल
दूसरी तरफ सरकार की ओर से महत्वपूर्ण विधेयकों पर आम राय बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरुण जेटली सहित अपने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की। सूत्रों के मुताबिक सरकार इसी सत्र में जीएसटी बिल पारित कराने पर रणनीतिक तैयारी कर चुकी है। सरकार इसी सत्र में इस बिल को लाने को तैयार है। वहीं, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया। जेटली ने कांग्रेस पर 'मारो व भागो' की रणनीति पर चलने का आरोप लगाते हुए इसे लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बताया। जेटली ने कांग्रेस पर ओछी राजनीति के लिए देश के विकास को संकट में डालने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सुषमा को लेकर हंगामा कर रही कांग्रेस का असली मकसद जीएसटी को रोकना है। वित्तमंत्री ने कहा कि कांग्रेस में भी शीर्ष के दो नेताओं को छोड़ कोई भी इस तरह के विरोध के पक्ष में नहीं है।
पुराने रुख पर कांग्रेस
इससे पहले पार्टी रणनीति तय करने के लिए कांग्रेस संसदीय दल की बैठक बुलाई गई। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में हुई बैठक में तय हुआ कि कथित तौर पर दागी मंत्रियों व मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे तक पार्टी विरोध करती रहेगी। वहीं, पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर विदेश मंत्री पर तीखा हमला किया। राहुल ने कहा, 'मैंने सुषमा जी से सीधा सवाल पूछा था कि ललित मोदी के खाते से कितना पैसा आया। सुषमा इस मुद्दे पर जवाब दें, तो संसद चल जाएगी।' राहुल ने कहा कि 'सुषमा ने एक अपराधी की मदद की है। वह यह स्पष्ट बताएं कि उनके परिवार को ललित मोदी से कितना पैसा मिला।' राहुल ने स्पष्ट किया कि पार्टी इस्तीफे की मांग पर कायम है।
'लोकतंत्र का मतलब मनमानी नहीं। मैं चाहता हूं संसद की कार्यवाही चले। अब कांग्रेस के विरोध का समर्थन नहीं करूंगा।' -मुलायम सिंह यादव, सपा प्रमुख
'मैंने सुषमा जी से सीधा सवाल पूछा था कि ललित मोदी के खाते से कितना पैसा आया। सुषमा इस मुद्दे पर जवाब दे दें तो संसद चल जाएगी।' -राहुल गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष
'सुषमा जी सिर्फ बहाना हैं। कांग्रेस जीएसटी का रास्ता रोकना चाहती है। महज दो नेताओं की जिद के कारण कांग्रेस देश की अर्थव्यवस्था के नुकसान को लेकर संजीदा नही है।' -अरुण जेटली, केंद्रीय वित्त मंत्री
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