सार्क कुनबे को नई डोर से बांधने में जुटे मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी के पहले कार्यदिवस का एजेंडा अहम कूटनीतिक मुलाकातों से भरा था। शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित सार्क शासनाध्यक्षों से उनकी पहली औपचारिक मुलाकात कहने को भले रस्मी हो, लेकिन आधा दर्जन से अधिक शिखर वार्ताओं में प्रधानमंत्री ने विदेश नीति के मंजे खिलाड़ी की तरह सूत्र संभाले। दक्षिण एशिया के अहम प
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। पीएम नरेंद्र मोदी के पहले कार्यदिवस का एजेंडा अहम कूटनीतिक मुलाकातों से भरा था। शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित सार्क शासनाध्यक्षों से उनकी पहली औपचारिक मुलाकात कहने को भले रस्मी हो, लेकिन आधा दर्जन से अधिक शिखर वार्ताओं में प्रधानमंत्री ने विदेश नीति के मंजे खिलाड़ी की तरह सूत्र संभाले। दक्षिण एशिया के अहम पड़ोसियों और उनके साथ रिश्तों की पेचीदगियों के बीच मोदी ने एक ही दिन में अनौपचारिक तौर पर दक्षेस शिखर सम्मेलन की मेजबानी भी कर ली।
मोदी के इस प्रस्ताव को सभी सार्क नेताओं ने सराहा कि दक्षिण एशिया के सभी पड़ोसी मुल्कों को एक-दूसरे की विशिष्टताओं से सीखकर आगे बढ़ना चाहिए। सभी बैठकों में पीएम ने सार्क के सहयोग को मजबूत करने की बात की। अपने न्योते पर शपथ ग्रहण समारोह में आए सभी नेताओं का आभार जताते हुए मोदी ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र के इस उत्सव में आप सब की उपस्थिति ने इस मौके की शोभा बढ़ाई।
अफगानिस्तान
हेरात में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले के बाद भारत आए अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई के साथ मोदी की मुलाकात में इस आतंकी हमले का मुद्दा प्रमुखता से उठा। करजई ने खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट का हवाला देते हुए दोहराया कि भारतीय दूतावास पर बीते शुक्रवार को हुए हमले के पीछे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा जिम्मेदार है। दोनों नेताओं ने जुलाई, 2014 से शुरू हो रही अफगानिस्तान से अमेरिका समेत नाटो फौज की वापसी और उसके बाद के हालात पर भी बात की। सूत्रों के मुताबिक अफगान राष्ट्रपति ने भारत से हथियारों की मांग के बाबत अपना आग्रह भी दोहराया। हालांकि इस बारे में पूछे जाने पर विदेश सचिव सुजाता सिंह ने कहा, अफगानिस्तान के साथ अपने व्यापक सहयोग संबंधों को देखते हुए भारत सभी जरूरी कदम उठाएगा। साथ ही भारत सेना के प्रशिक्षण तक सीमित अपनी भूमिका में चाहेगा कि अफगान सुरक्षा बल पूरी क्षमता के साथ संप्रभु अफगानिस्तान की हिफाजत कर सकें।
बांग्लादेश
मोदी से मुलाकात के दौैरान बांग्लादेश संसद की स्पीकर डॉ शिरिन शरमिन चौधरी ने दोनों देशों के बीच लंबित सीमा समझौते और तीस्ता जल बंटवारे पर अमल का आग्रह किया। पीएम ने उन्होंने भरोसा दिया कि इस संबंध में उनकी सरकार विचार करेगी। दोनों नेताओं ने नागरिकों के बीच संपर्क, अच्छे रिश्ते, सड़क, परिवहन बिजली समेत सभी मुद्दों पर बात की।
श्रीलंका
श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के साथ मोदी की बातचीत में तमिल मछुआरों का मुद्दा अहम था। इस बारे में मोदी ने कहा कि आजीविका से जुड़े इस मुद्दे पर मानवीय आधार पर विचार करने की जरूरत है। श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर मोदी ने आग्रह किया कि श्रीलंका में तमिलों के हितों के लिए जरूरी है कि 13वें संशोधन को लागू कर उसके आगे भी प्रयास किए जाएं।
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