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जासूसी पर अमेरिकी राजनयिक तलब

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी [एनएसए] को भारतीय जनता पार्टी [भाजपा] और भारत सरकार की जासूसी संबंधी इजाजत दिए जाने की खबरों से चिंतित भारत ने सख्त एतराज दर्ज कराया है। विदेश मंत्रालय ने बुधवार को अमेरिका के कार्यवाहक राजदूत को तलब कर न केवल जासूसी पर जवाब मांगा, बल्कि भारतीयों के निजता अधिकारों के उल्लंघन को लेकर आगाह भी किया।

By Edited By: Published: Wed, 02 Jul 2014 11:59 AM (IST)Updated: Wed, 02 Jul 2014 09:14 PM (IST)

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी [एनएसए] को भारतीय जनता पार्टी [भाजपा] और भारत सरकार की जासूसी संबंधी इजाजत दिए जाने की खबरों से चिंतित भारत ने सख्त एतराज दर्ज कराया है। विदेश मंत्रालय ने बुधवार को अमेरिका के कार्यवाहक राजदूत को तलब कर न केवल जासूसी पर जवाब मांगा, बल्कि भारतीयों के निजता अधिकारों के उल्लंघन को लेकर आगाह भी किया।

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन के मुताबिक, अमेरिकी दूतावास के वरिष्ठ राजनयिक को तलब कर यह बताया गया कि अमेरिका से आ रही जासूसी संबंधी खबरें परेशान करने वाली हैं। भारत ने अमेरिका से वस्तुस्थिति स्पष्ट करने को लेकर जवाब भी मांगा है। प्रवक्ता के मुताबिक, अमेरिकी अधिकारी को काफी स्पष्ट शब्दों में यह बता दिया गया है कि अगर भारतीय नागरिकों, संगठनों या सरकार की जासूसी को लेकर ऐसी कोई इजाजत दी गई है, तो यह बेहद आपत्तिजनक है।

महत्वपूर्ण है कि बीते साल न्यूयॉर्क स्थित भारतीय दूतावास में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी की सेंधमारी की खबर के बाद भी भारत ने एतराज जताया था। इस मामले पर बार-बार भारत की ओर से स्पष्टीकरण मांगे जाने के बावजूद अमेरिका ने कोई जवाब नहीं दिया है।

विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने अमेरिकी राजनयिक के आगे दर्ज कराई शिकायत में भी इसे रेखांकित किया। मंत्रालय प्रवक्ता के अनुसार, जवाब में अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि इस मामले पर भारत के साथ साझा की जा सकने योग्य जानकारियों को तय किया जा रहा है। हालांकि, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बुलाए गए अमेरिकी राजनयिक का नाम बताने से इन्कार करते हुए कहा कि संदेशवाहक अहम नहीं है। अहम है संदेश, जो अमेरिकी सरकार को स्पष्ट तौर पर दे दिया गया है। अब हम उनके जवाब का इंतजार करेंगे। ऐसी खबरों से भारत-अमेरिका संबंधों पर पड़ने वाले असर पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जवाब का इंतजार कीजिए।

अमेरिकी मीडिया में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के पूर्व कांट्र्ेक्टर एडवर्ड स्नोडेन के हवाले से दी जा रही खबरों में कहा गया है कि एनएसए को 2010 में जिन सरकारों की जासूसी की इजाजत दी गई थी, उनमें भारत भी शामिल है। साथ ही ऐजेंसी को जिन छह राजनीतिक दलों की जासूसी की मंजूरी मिली उनमें भारतीय जनता पार्टी भी है। उल्लेखनीय है कि स्नोडेन के रहस्योद्घाटन के बाद अमेरिका के जासूसी कार्यक्रम पर पूरी दुनिया में सवाल उठ रहे हैं।

सुषमा-मैक्केन मुलाकात

इस बीच भारत दौरे पर पहुंचे अमेरिकी सीनेटर जॉन मैक्केन ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की। विदेश मंत्रालय के अनुसार अमेरिका के वरिष्ठ सीनेटर के साथ बुधवार शाम हुई वार्ता में द्विपक्षीय रिश्तों के अलावा अफगानिस्तान समेत क्षेत्रीय मुद्दों पर भी बात हुई।

पढ़ें: अमेरिका ने कराई भारत की जासूसी, दोनों देशों के रिश्तों में नया विवाद


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