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    स्मृति ईरानी ने खोला राज- पैसे के अभाव में नहीं पूरी कर सकी पढ़ाई

    केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने शनिवार को कहा कि उन्होंने पढ़ाई इस वजह से छोड़ दी क्योंकि उनके पास पैसे नहीं थे। ईरानी ने यह राज ऐसे समय में खोला है जब उनकी शैक्षिक योग्यता को लेकर बार-बार सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस साल के अंत तक सरकार एक कार्यक्रम शुरू करेगी

    By Edited By: Updated: Sun, 24 Aug 2014 12:50 PM (IST)

    मुंबई। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने शनिवार को कहा कि उन्होंने पढ़ाई इस वजह से छोड़ दी क्योंकि उनके पास पैसे नहीं थे। ईरानी ने यह राज ऐसे समय में खोला है जब उनकी शैक्षिक योग्यता को लेकर बार-बार सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस साल के अंत तक सरकार एक कार्यक्रम शुरू करेगी जिसमें वैसे लोग जिन्हें स्कूली पढ़ाई छोड़ नौकरी करने के लिए मजबूर किया गया या जिन लोगों ने आर्थिक मजबूरियों की वजह से पढ़ाई छोड़ी, उन्हें पीएचडी स्तर तक शिक्षा पूरी करने में मदद मिले।

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    ईरानी ने कहा, जब शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञता की बात आती है तो महिलाएं, जनजातीय बच्चे, अनुसूचित जाति के बच्चे व अन्य पिछड़ी जाति के लोग उतने संपन्न नहीं होते कि आगे की पढ़ाई जारी रख सकें। उनमें से बहुत सारे लोग पढ़ाई बीच में छोड़ देते हैं क्योंकि उन्हें अपने लिए नौकरी तलाशनी होती है। उन्होंने कहा, 'मैंने पढ़ाई छोड़ दी क्योंकि मेरे पास पैसे नहीं थे।'

    ईरानी यहां विवेकानंद एजुकेशन सोसाइटी के छात्रों को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने छात्रों को अग्र सक्रिय होकर सामाजिक हित में योगदान करने के लिए प्रोत्साहित किया। एचआरडी मंत्री ने कहा कि वैसे छात्रों के लिए जिनमें शोधकर्ता और वैज्ञानिक बनने की क्षमता है उनके लिए ईशान विकास कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसके जरिये हमलोग कोशिश कर रहे हैं कि कक्षा नौ और ग्यारह के वैसे बच्चों को चुन रहे हैं जिनमें आगे चलकर शोधकर्ता, वैज्ञानिक आदि बनने की क्षमता है। इनमें गर्मी में दो बैच और सर्दी में एक बैच (जिसमें करीब 2200 बच्चे होंगे) के सभी छात्रों को आइआइटी और आइआइएम और देश के अन्य शीर्ष संस्थानों का दौरा कराया जाएगा। वहां इन छात्रों का अनुकूलन (ओरिएंटेशन) कराया जाएगा।

    अभिनेत्री से केंद्रीय मंत्री पद तक पहुंचीं स्मृति ने कहा, 'मेरा प्रयास यह है कि दिसंबर तक एक योजना को विस्तार दें जिसमें यदि आठवीं के स्तर पर आपने इस शिक्षा व्यवस्था को छोड़ दिया और काम करने के लिए मजबूर हो गए तो हम आपकोशिक्षा के लिए फिर आने की सुविधा देंगे। हम आपकी डिग्री और पेशे की तुलना पीएचडी स्तर तक करने के लिए एक रूपरेखा तैयार कर रहे हैं। इससे बहुत सारे लोगों को मदद मिलेगी।