खुद को मजबूत इरादों वाली शख्सियत मानती हैं ईरानी
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी खुद को मजबूत इरादों वाली शख्सियत मानती हैं। शनिवार को एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में उन्होंने यह दावा किया। साक्षात्कार के दौरान ईरानी ने अपने ऊपर लगे शिक्षा का भगवाकरण करने के आरोप को खारिज किया। साथ ही उन्होंने उन खबरों को
नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी खुद को मजबूत इरादों वाली शख्सियत मानती हैं। शनिवार को एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में उन्होंने यह दावा किया।
साक्षात्कार के दौरान ईरानी ने अपने ऊपर लगे शिक्षा का भगवाकरण करने के आरोप को खारिज किया। साथ ही उन्होंने उन खबरों को सिरे से नकारा, जिनमें कहा गया है कि उन्हें अपनी ही सरकार का साथ नहीं मिल रहा या उनका मंत्रालय आरएसएस के इशारे पर चलता है।
अपने खिलाफ छपी खबरों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, 'यदि आप सभी लेखों को देखें तो लगता है कि वे कॉपी-पेस्ट किए गए हैं। सभी लेखों में निजी मुद्दे उठाए गए हैं। राजनीतिक रूप से बहुत कद्दावर नहीं होने पर मांगे गए विचार पर ईरानी बोलीं, 'यह बहुत बार कहा गया है। संभवत: इसलिए क्योंकि यथास्थिति को चुनौती दी गई है। मेरा मानना है कि शैक्षणिक क्षेत्र राजनीतिक टकराव का मुद्दा बन गया है। दरअसल, पिछले दस महीनों में राजनीतिक मेल या सामंजस्य बढ़ा है। इस कारण भी बहुत से लोग चिंतित हो गए हैं।
क्या वह खुद को पीडि़त समझती हैं, के सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'मैं कभी भी इस तरह के आरोपों से दुखी नहीं रही। मैंने कभी भी पीडि़ता होने का रोना नहीं रोया। मैंने आज तक ऐसा नहीं किया। पार्टी में अलग-थलग पडऩे के सवाल पर वह बोलीं, 'मैं ऐसा नहीं मानती हूं।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाले जाने के मामले में ईरानी ने कहा, 'मैं फैसला लेने वालों में से नहीं हूं। मैं एक पार्टी कार्यकर्ता हूं। मुझे जो पद दिया गया है, उसके प्रति मेरी जिम्मेदारी है। मुझे यह सुनिश्चित करना है कि कानूनी दायरे में रहकर मैं अपने दायित्वों का निर्वाह करूं।