Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    महाराष्ट्र में छोटे दलों की पौ बारह

    By Edited By:
    Updated: Fri, 26 Sep 2014 10:36 PM (IST)

    महाराष्ट्र में गठबंधन की गांठे खुलने के बाद चारो बड़े दल [भाजपा, शिवसेना, कांग्रेस व राकांपा] छोटे दलों पर डोरे डालने में जुट गए हैं। बदले हालात में राजनीति के छोटे पहलवानों की तो पौ बारह है। सौदेबाजी के मामले में अठावले सबसे फायदेमंद स्थिति में हैं। दलबदल का दौर भी तेज हो गया है।

    मुंबई, ओम प्रकाश तिवारी। महाराष्ट्र में गठबंधन की गांठे खुलने के बाद चारो बड़े दल [भाजपा, शिवसेना, कांग्रेस व राकांपा] छोटे दलों पर डोरे डालने में जुट गए हैं। बदले हालात में राजनीति के छोटे पहलवानों की तो पौ बारह है। सौदेबाजी के मामले में अठावले सबसे फायदेमंद स्थिति में हैं। दलबदल का दौर भी तेज हो गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में साथ आए तीन छोटे दलों को साथ रखने के लिए शिवसेना जैसे 25 साल पुराने साथी से नाता तोड़ लिया। अब वह रिपब्लिकन पार्टी [अठावले] के अध्यक्ष रामदास आठवले पर डोरे डाल रही है। सूबे के नवबौद्धों में अठावले की अच्छी पैठ है। 2009 के विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे ने शिवशक्ति -भीमशक्ति का नारा देकर अठावले को अपनी ओर खींचा था। अब सेना- भाजपा गठबंधन टूटने के बाद अठावले के दोनों हाथों में लड्डू हैं। शिवसेना उन्हें मनचाही सीटें देने को तैयार है,तो भाजपा से वह केंद्र सरकार में कैबिनेट रैंक के मंत्रीपद की उम्मीद कर रहे हैं।

    महाराष्ट्र में मुस्लिमों के बीच ठीक ठाक पैठ रखने वाली समाजवादी पार्टी हर चुनाव में कांग्रेस-राकांपा जैसे दलों के पीछे नाचती दिखती थी। इस बार राकांपा से गठबंधन टूटने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण ने सपा के प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आजमी को बुलाकर उन्हें आठ सीटें देने की घोषणा कर दी। अब आजमी कांग्रेस के साथ प्रचार करते दिखेंगे। लंबे अर्से तक कांग्रेस-राकांपा का साथ देते रहे अठावले के शिवसेना संग जाने से कांग्रेस को नवबौद्ध दलित वोट बैंक की कमी खलती रही है। यह कमी पूरी करने को उसने लोस चुनाव के दौरान विदर्भ में प्रभाव रखने वाले दो दलित नेताओं जोगेंद्र कवाड़े,सलभा कुंभारे से समझौता किया था। अब विस चुनाव में भी वह इन दोनों के क्षेत्रीय प्रभाव का इस्तेमाल करने जा रही है।

    वहीं, राज्य में दलबदल की प्रक्रिया भी तेज हो गई है। महाटूट के बाद एक रात में ही कांग्रेस कोटे के राज्यमंत्री समेत आधा दर्जन विधायकों ने नए दल का दामन थाम लिया। आज रात में यह संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश सभी दलों को है और शनिवार को नामांकन का अंतिम दिन है।

    पढ़ें: महत्वपूर्ण मुद्दों पर मतभेद के कारण टूटा कांग्रेस से गठबंधन: पवार

    पढ़ें: महाराष्ट्र के सीएम पृथ्वीराज चव्हाण ने इस्तीफा दिया

    comedy show banner
    comedy show banner