नारों से गरीबी नहीं मिटती: नारायण मूर्ति
बेंगलूर। देश से गरीबी मिटाने के नारे तमाम राजनीतिक दल सालों से देते आ रहे हैं। मगर खुद सरकार के आंकड़े कहते हैं कि गरीबों की संख्या में बहुत ज्यादा कमी नहीं आई है। कथनी और करनी के इसी फर्क पर तंज कसते हुए इंडिया इंक के दिग्गज और आइटी कंपनी इंफोसिस के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन एनआर नारायण मूर्ति ने कहा है कि सिर्फ नारो
बेंगलूर। देश से गरीबी मिटाने के नारे तमाम राजनीतिक दल सालों से देते आ रहे हैं। मगर खुद सरकार के आंकड़े कहते हैं कि गरीबों की संख्या में बहुत ज्यादा कमी नहीं आई है। कथनी और करनी के इसी फर्क पर तंज कसते हुए इंडिया इंक के दिग्गज और आइटी कंपनी इंफोसिस के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन एनआर नारायण मूर्ति ने कहा है कि सिर्फ नारों से गरीबी नहीं मिटती है। गरीबी दूर करने के लिए देश में उद्योगों और उद्यमिता को बढ़ावा देना होगा।
बेंगलूर चैंबर ऑफ इंडस्ट्री एंड कॉमर्स की बैठक को शुक्रवार रात संबोधित करते हुए मूर्ति ने कहा, 'पिछले 40 सालों में मैंने अपने अनुभवों से सीखा है कि कोई नारा गरीबी दूर नहीं कर सकता। गरीबी की समस्या को केवल उद्योगों को बढ़ावा देकर ही दूर किया जा सकता है। इससे न सिर्फ लोगों को रोजगार के मौके मिलते हैं बल्कि विकास में भी तेजी आती है।' ऑटोमोबाइल और भारी उद्योग से आइटी उद्योग की तुलना करते हुए मूर्ति ने कहा कि इन सेक्टरों को सौ से एक हजार एकड़ जमीन की जरूरत होती है। इन उद्योगों में औसत मासिक वेतन 25 हजार रुपये होती है और केवल 10 हजार लोगों को रोजगार मिल पाता है। वहीं, आइटी उद्योग इतनी ही जगह में पांच गुना लोगों को नौकरियां देता है। यह क्षेत्र छह लाख के निवेश से 30 लाख बना सकता है।
उन्होंने कहा कि विकसित देशों और चीन ने इस बात को समझा और उद्योगपतियों के लिए राहें आसान की हैं। बेंगलूर के आइटी उद्योग ने पांच लाख ऐसी नौकरियां पैदा की हैं, जिनमें औसत मासिक वेतन 50 हजार रुपये है। इसके अलावा अपरोक्ष नौकरियों की संख्या 15 लाख है। बेंगलूर स्थित इलेक्ट्रॉनिक सिटी में बेहतर सुविधाओं की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि आइटी इंडस्ट्री के सबसे बड़े हब में एक छोटा एयरपोर्ट, अच्छी सड़कें, बिजली, पानी, साफ हवा और अच्छे अंग्रेजी स्कूलों का इंतजाम होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आइटी उद्योग ने कर्नाटक की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में विशेष योगदान दिया है। सरकार को भी हमारे लिए बेहतर परिस्थितियां बनानी चाहिए। राज्य की कुल जीडीपी में आइटी सेक्टर का 25 फीसद हिस्सा है।
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