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    स्वतंत्र एजेंसी से करानी चाहिए थी गुजरात दंगों की जांच

    By Edited By:
    Updated: Sat, 22 Mar 2014 11:49 PM (IST)

    नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव को देखते हुए वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के मुद्दे पर कांग्रेस ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर हमले तेज कर दिए हैं। इस क्रम में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने शनिवार को कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों की तरह सुप्रीम कोर्ट को गुजरात दंगों की जांच स्वतंत्र एजेंसी को सौंपनी चाहिए थ्

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    नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव को देखते हुए वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के मुद्दे पर कांग्रेस ने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर हमले तेज कर दिए हैं। इस क्रम में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने शनिवार को कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों की तरह सुप्रीम कोर्ट को गुजरात दंगों की जांच स्वतंत्र एजेंसी को सौंपनी चाहिए थी। ऐसा इस वजह से कि विशेष जांच दल (एसआइटी) को गिरफ्तारी या तलाशी लेने का बहुत कम अधिकार है।

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    सिब्बल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, जहां भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों को अधिक महत्व दिया जा रहा है, मेरा मानना है कि मानवता को जिंदा रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट को गुजरात दंगों से जुड़े सभी मामलों की जांच एक स्वतंत्र जांच एजेंसी से करानी चाहिए थी। यह दुखद है। उन्होंने कहा कि दंगों के आठ साल बाद वर्ष 2008 में एसआइटी बनी लेकिन उस एसआइटी में जो अधिकारी शामिल थे वे कौन थे? वे वही पुलिस अधिकारी थे जिनके क्षेत्राधिकार में राज्य में दंगे हुए। एसआइटी को तलाशी लेने और सीबीआइ जैसी जांच एजेंसी की तरह जांच करने का कोई अधिकार नहीं है। उसने केवल गवाहों के बयान दर्ज किए। ऐसी स्थिति में पीड़ितों को न्याय नहीं मिल सका है। सिब्बल ने स्पष्ट किया कि वह यह टिप्पणी कांग्रेस के नेता और लोकसभा के प्रत्याशी के रूप में कर रहे हैं देश के कानून मंत्री के तौर पर नहीं।