Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अल्प अवधि की सरकार

    By Edited By:
    Updated: Fri, 21 Mar 2014 07:11 PM (IST)

    1998 में इंद्र कुमार गुजराल के नेतृत्व वाली संयुक्त मोर्चा सरकार को बाहर से समर्थन दे रही कांग्रेस ने द्रमुक को हटाने के लिए कहा। दरअसल राजीव गांधी हत्याकांड की जांच कर रहे आयोग ने द्रमुक के तार श्रीलंकाई अलगाववादी लिट्टे से जोड़े। गुजराल के मना करने पर कांग्रेस ने समर्थन खींच लिया। नतीजतन दो साल के भीतर ही 12वीं लोकसभा के लिए मध्यावधि चुनाव की घोषणा हो गई। चुनाव में भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरी। अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने लेकिन महज 13 महीने के भीतर

    1998 में इंद्र कुमार गुजराल के नेतृत्व वाली संयुक्त मोर्चा सरकार को बाहर से समर्थन दे रही कांग्रेस ने द्रमुक को हटाने के लिए कहा। दरअसल राजीव गांधी हत्याकांड की जांच कर रहे आयोग ने द्रमुक के तार श्रीलंकाई अलगाववादी लिट्टे से जोड़े। गुजराल के मना करने पर कांग्रेस ने समर्थन खींच लिया। नतीजतन दो साल के भीतर ही 12वीं लोकसभा के लिए मध्यावधि चुनाव की घोषणा हो गई। चुनाव में भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरी। अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने लेकिन महज 13 महीने के भीतर ही वह सरकार गिर गई। इस लिहाज से उस लोकसभा का कार्यकाल अब तक सबसे न्यूनतम रहा। फ्लैशबैक सीरीज में अतुल चतुर्वेदी की नजर:

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चुनौती

    भाजपा बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए सबसे बड़े दल के रूप में उभरी। पार्टी को 25.6 प्रतिशत वोट मिला और वह 182 सीटें जीतने में कामयाब रही। कांग्रेस और उसके सहयोगियों को 165 सीटें मिलीं। संयुक्त मोर्चा को 97 सीटें मिलीं। इस प्रकार एक बार फिर किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला। आजादी के बाद यह पहली बार हुआ कि कांग्रेस लगातार दो बार के चुनावों में हारकर सत्ता में वापसी नहीं कर सकी।

    राजग की सरकार

    भाजपा के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन बहुमत के करीब 265 सीटें जुटाने में कामयाब रहा। अन्य क्षेत्रीय दलों के शामिल होने से 286 सदस्यों के बहुमत से अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने। भाजपा का वह चुनावों में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन था।

    परमाणु परीक्षण

    11 और 13 मई,1998 को सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण किए। 1974 में पहला परमाणु परीक्षण किया गया था।

    एक वोट से हार

    गठबंधन में शामिल जयललिता की अन्नाद्रमुक पार्टी राजग सरकार के लिए हमेशा सिरदर्द बनी रही। वह लगातार अपनी मांगों के समर्थन में सरकार पर दबाव बनाती रही। जयललिता के खिलाफ भ्रष्टाचार के अनेक मामले चल रहे थे। भाजपा ने आरोप लगाया कि वह उनसे बचने के लिए सरकार से रियायत चाह रही थी। दोनों पक्षों के बीच मतभेद के चलते जयललिता ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया। उसके बाद 17 अप्रैल, 1999 को हुए विश्वास मत में सरकार एक वोट से हार गई।

    चुनाव तारीख:16, 22 और 28 फरवरी, 1998

    कुल सीटें: 545

    बहुमत के लिए: 273

    मतदाता: 60 करोड़

    मतदान: 62 फीसद

    लोकसभा चुनाव से संबंधित समाचार पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।