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    इशरत जहां केस में सत्यपाल सिंह के दावे पर शिवसेना ने उठाए सवाल

    By Manish NegiEdited By:
    Updated: Fri, 11 Mar 2016 11:33 AM (IST)

    इशरत जहां केस हर रोज नई नई जानकारियां सामने आ रही हैं। कल भाजपा सांसद और मुंबई के पूर्व कमिश्नर तथा इशरत जहां मामले में एसआईटी के पूर्व प्रमुख सत्यपाल सिंह ने लोकसभा में चौंकाने वाली जानकारी दी। जिस पर अब शिवसेना ने सवाल उठाए हैं।

    नई दिल्ली। इशरत जहां केस हर रोज नई नई जानकारियां सामने आ रही हैं। कल भाजपा सांसद और मुंबई के पूर्व कमिश्नर तथा इशरत जहां मामले में एसआईटी के पूर्व प्रमुख सत्यपाल सिंह ने लोकसभा में चौंकाने वाली जानकारी दी। जिस पर अब शिवसेना ने सवाल उठाए हैं। सत्यपाल सिंह ने कल कहा था कि उन पर इशरत केस में बडे़ लोगों तक जांच करने को कहा गया था। मामले को लेकर उन पर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने को कहा गया था। उन पर नरेंद्र मोदी तक जाने को कहा गया था, मामले में मोदी को फंसाने के लिए ही मुझे एसआईटी का चीफ बनाया गया था। हालांकि इसके लिए मैंने मना कर दिया था।

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    सत्यपाल सिंह ने यह भी कहा कि जिस तरह से एसआईटी का गठन किया गया, उसका मतलब सिर्फ इशरत जहां एनकाउंटर को फर्जी साबित करना था।

    वहीं सत्यपाल के लोकसभा में दिए गए बयान पर शिवसेना ने सवाल उठाते हुए कहा है कि उन्होंने उस समय क्यों कुछ नहीं कहा जब उन पर दवाब बनाया जा रहा था? यह बोलना अभी सहीं नहीं है और वो भी तब, जब वो सत्ताधारी पार्टी के सांसद है।

    'अातंकवाद पर राजनीति नहीं होनी चाहिए'

    गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि आज भारत ही नहीं पूरे विश्व को आतंकवाद के खतरे का सामना करना पड़ रहा है। आतंकवाद से संबंधित किसी भी मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। इशरत जहां मामले में गृह मंत्री ने डेविड हेडली के बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि संप्रग सरकार में हलफनामे को बदला गया। दुख के साथ कहता हूं कि इशरत जहां के मामले में पिछली सरकार में फ्लिप-फ्लॉप हुआ था। उन्होंने कहा कि पिछले सरकार में इशरत मामले में दूसरा शपथ पत्र क्यों दाखिल किया गया, इस मामले की जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं इस मामले में कुछ फाइल भी गायब है।

    अातंकवाद पर राजनीति नहीं होनी चाहिएः राजनाथ