निर्दोष मुस्लिम युवकों को हिरासत में न रखें
सभी राज्यों को केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे की ओर से भेजी गई नई एडवाइजरी विवादों में आ गई है। एडवाइजरी में शिंदे ने कहा है कि किसी भी निर्दोष मुस्लिम युवक को पुलिस हिरासत में न रखा जाए। इसे वोट बैंक की राजनीति करार देते हुए भाजपा ने शिंदे की बर्खास्तगी की मांग कर दी है। भाजपा का आरो
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सभी राज्यों को केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे की ओर से भेजी गई नई एडवाइजरी विवादों में आ गई है। एडवाइजरी में शिंदे ने कहा है कि किसी भी निर्दोष मुस्लिम युवक को पुलिस हिरासत में न रखा जाए। इसे वोट बैंक की राजनीति करार देते हुए भाजपा ने शिंदे की बर्खास्तगी की मांग कर दी है। भाजपा का आरोप है कि शिंदे मंत्री होते हुए भी विभाजन का काम कर रहे हैं। वहीं, भाकपा नेता डी राजा ने भी एडवाइजरी पर आपत्ति जताई है।
शिंदे ने मुख्यमंत्रियों को लिखा है कि कई प्रतिनिधिमंडल यह शिकायत लेकर आ रहे हैं कि आतंकवाद के नाम पर मुस्लिम युवकों को परेशान किया जा रहा है। मुस्लिम युवकों को लगने लगा है कि उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है और मूलभूत अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। शिंदे ने ऐसे मामलों में हाई कोर्ट के परामर्श से विशेष न्यायालय का गठन कर जल्द सुनवाई करने और निर्दोष लोगों को रिहा करने को कहा है। गलत तरीके से मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की भी बात कही गई है। शिंदे ने कहा कि निर्दोष लोगों को न सिर्फ रिहा किए जाए, बल्कि उन्हें मुआवजा देकर उनका पुर्नवास किया जाए।
भाजपा महासचिव राजीव प्रताप रूड़ी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि शिंदे को मुस्लिम युवकों की बजाय सभी भारतीयों की बात करनी चाहिए थी। लेकिन चुनाव में फायदा उठाने की मंशा से वह विभाजन की राजनीति कर रहे हैं। रूड़ी ने कहा कि मंत्री पद की शपथ में भी धर्म व जाति के नाम पर विभेद न करने की बात कही गई है। लेकिन शिंदे को इसकी परवाह नहीं है। लिहाजा उन्हें तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए। भाजपा के साथ भाकपा भी खड़ी दिखी। डी राजा ने कहा कि कानून की निगाह में सभी एक समान होते हैं। लेकिन शिंदे ने जिस तरह सिर्फ मुस्लिम युवकों की बात कही है, वह वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित है। इससे पहले इसी साल जनवरी में संघ को हिंदू आतंकवाद की नर्सरी बताकर गृह मंत्री शिंदे विवादों में आ चुके हैं।
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