Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब तो फड़फड़ाने लगी उम्मीद की लौ

    By Edited By:
    Updated: Thu, 27 Jun 2013 09:49 AM (IST)

    इन पथरा चुकी आंखों के अब तो आंसू भी सूख चुके हैं। उम्मीद की लौ बुझने लगी है। सिस्टम की बेरुखी ने बची-खुची आस भी छीन ली। सहस्त्रधारा हेलीपैड पर अपनों की खबर के लिए पिछले 10 दिन से भटक रहे पीड़ितों के परिजन यहां-वहां अधिकारियों के आगे 'नाक रगड़' रहे हैं, मगर उन्हें यह तक पता नहीं चल पा रहा कि उनके

    देहरादून [सुमन सेमवाल]। इन पथरा चुकी आंखों के अब तो आंसू भी सूख चुके हैं। उम्मीद की लौ बुझने लगी है। सिस्टम की बेरुखी ने बची-खुची आस भी छीन ली।

    सहस्त्रधारा हेलीपैड पर अपनों की खबर के लिए पिछले 10 दिन से भटक रहे पीड़ितों के परिजन यहां-वहां अधिकारियों के आगे 'नाक रगड़' रहे हैं, मगर उन्हें यह तक पता नहीं चल पा रहा कि उनके अपने जिंदा भी हैं या नहीं। हेलीपैड पर उतरने वाले हर हेलीकॉप्टर में अपने के आने की उम्मीद दिखाई देती है, पर कुछ ही देर में उम्मीदों का आसमान खाली नजर आने लगता है। कोई अपने माता-पिता की खोज में भटक रहा है, तो कोई पत्‍‌नी या भाई को। इनको देख आंखें नम हो जा रही हैं, मगर नहीं पसीज रहा है तो सरकार का दिल। वरना हेलीपैड पर लापता लोगों के परिजनों के सवालों का समुचित जवाब देने के लिए पर्याप्त संसाधनों के साथ उच्च अधिकारियों की तैनाती की जाती।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    श्रेय लूटने की होड़: कांग्रेस व टीडीपी नेता के बीच हाथापाई

    हकीकत में यहां नायब तहसीलदार व इसी श्रेणी के अन्य अधिकारी तैनात हैं। उनके पास अन्य हेल्पलाइन के नंबर तक नहीं हैं। कुछ उदाहरणों से महसूस किया जा सकता है कि लापता आपदा पीड़ितों के परिजन खुद को किस कदर असहाय महसूस कर रहे हैं।

    केस ए

    हेलीपैड पर जयपुर के ओम प्रकाश शर्मा कई बार हताश होकर सिस्टम पर चिल्ला पड़ते हैं। वह पिता मुरारी लाल शर्मा व मां कौशल्या देवी की तलाश में एक सप्ताह से भटक रहे हैं। वह बताते हैं कि दो बसों में उनके क्षेत्र के 104 लोग केदारनाथ यात्रा के लिए चले थे। इसमें से 65 की अब तक कोई खबर नहीं मिल पाई है। उनके माता-पिता व अन्य लोग जिंदा भी बचे हैं या नहीं, यह जवाब भी उन्हें नहीं मिल पा रहा।

    केस बी

    तारा चंद यादव ने भाई कैलाश चंद यादव व अन्य परिजन मंगली देवी, मूली देवी, मूलचंद यादव, लाडा देवी व रामगोपाल से 16 तारीख शाम साढ़े छह बजे आखिरी बार बात की थी, तब वह रामबाड़ा में थे। इसके बाद से उनसे संपर्क कट गया। उनकी तलाश में सहस्त्रधारा हेलीपैड पहुंचे ताराचंद यहां हर अधिकारी के सामने अपना दुखड़ा रो चुके हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ इंतजार करने को कहा जा रहा है।

    केस सी

    उत्तर प्रदेश के कन्नौज निवासी क्षितिज के परिजन 16 जून से केदारनाथ से लापता हैं। उनकी तलाश में वह पिछले कई दिन से सहस्त्रधारा हेलीपैड, जौलीग्रांट व डीआइजी हेल्पलाइन के चक्कर लगा रहे हैं, हर जगह उन्हें ढांढस बंधाकर वापस भेज दिया जा रहा है। आरोप है कि राज्य सरकार लापता आपदा पीड़ितों की खोज खबर की तरफ ध्यान नहीं दे रही है।

    मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर