टाउनशिप मामले के विरोध पर यासीन मलिक गिरफ्तार, श्रीनगर में हिंसक झ़़डप
कश्मीर घाटी में विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए अलग से टाउनशिप बसाने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ विरोध मार्च निकाल रहे अलगाववादी नेता यासीन मलिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद जेकेएलएफ [जम्मू--कश्मीर लिबरेशन फ्रंट] के समर्थकों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।
श्रीनगर। कश्मीर घाटी में विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए अलग से टाउनशिप बसाने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ विरोध मार्च निकाल रहे अलगाववादी नेता यासीन मलिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद जेकेएलएफ [जम्मू--कश्मीर लिबरेशन फ्रंट] के समर्थकों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।
पुलिस और सीआरपीएफ जवानों ने उत्पात मचा रहे कार्यकर्ताओं पर लाठियां बरसाई और आंसू गैस के गोले दागे। इसमें दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। पुलिस अधिकारियों व प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक शुक्रवार सुबह जुमे की नमाज के बाद मलिक ने मैसुमा से शहर के मध्य स्थित लाल चौक की ओर एक विरोध मार्च की शुरुआत की। प्रदर्शनकारी लाल चौक से करीब ही पहुंचे थे कि पुलिस ने उन्हें रोक लिया और मलिक को हिरासत में ले लिया। इसके बाद प्रदर्शनकारी भ़़डक गए।
विस्थापित कश्मीरी पंडितों को घाटी में फिर से बसाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा एक अलग से कॉलोनी की स्थापना के लिए जमीन देने के बयान का विरोध करते हुए जेकेएलएफ ने विरोध प्रदर्शन तथा लाल चौक पर धरने का आह्वान किया था। मलिक का कहना है कि इस तरह की टाउनशिप से घाटी में हिंदू व मुस्लिम समुदाय के बीच अलगाव ब़़ढेगा और गाजा जैसी स्थिति उत्पन्न होगी।
कश्मीर में इजरायल नहीं दोहराएंगे : मुफ्ती
इससे पहले राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री मुफ्ती ने स्पष्ट किया कि जो इजरायल में हुआ वह कश्मीर में नहीं दोहराया जाएगा। कश्मीर में पंडितों को अलग से नहीं बल्कि समाज में उनके अपने घरों में ही बसाया जाएगा। उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात में भी स्पष्ट कर दिया था कि कश्मीरी पंडित घाटी में अलग से नहीं रह सकते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर नया श्रीनगर या सेटेलाइट टाउनशिप बनती भी है तो वह सबके लिए होगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वहां कश्मीर की धर्मनिरपेक्षता बरकरार रहे। मुफ्ती ने कहा कि कश्मीरी पंडित समुदाय ने देश में विशिष्ट स्थान बनाया है, उनमें दस से पंद्रह फीसद लोग ही वापस आएंगे। जितने भी लोग वापस आएंगे, उन्हें समाज में बसाने के लिए उचित माहौल बनाया जाएगा, उन्हें भी कश्मीरियत को बुलंद रखना चाहिए, ताकि देश में राज्य की छवि खराब न हो। इसके लिए सबके सहयोग करने की जरूरत होगी।