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विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए अलग कॉलोनी का विरोध

आतंकवाद के कारण अपने ही देश में विस्थापित हुए कश्मीरी पंडितों के लिए वादी में अलग कॉलोनी बसाए जाने के विरोध में अलगाववादियों ने शनिवार को कश्मीर बंद का एलान किया है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से कश्मीर में इजरायल और फलस्तीन जैसे हालात पैदा होंगे। अलबत्ता, कश्मीर पंडित

By Murari sharanEdited By: Published: Wed, 08 Apr 2015 08:38 PM (IST)Updated: Wed, 08 Apr 2015 08:43 PM (IST)
विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए अलग कॉलोनी का विरोध

जागरण ब्यूरो, श्रीनगर। आतंकवाद के कारण अपने ही देश में विस्थापित हुए कश्मीरी पंडितों के लिए वादी में अलग कॉलोनी बसाए जाने के विरोध में अलगाववादियों ने शनिवार को कश्मीर बंद का एलान किया है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से कश्मीर में इजरायल और फलस्तीन जैसे हालात पैदा होंगे। अलबत्ता, कश्मीर पंडित आएं और अपने पुश्तैनी घरों में आकर रहें।

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जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट हो या ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस का गिलानी गुट या फिर शब्बीर शाह की अगुआइ वाली हुर्रियत कांफ्रेंस जेके, मीरवाइज मौलवी उमर फारूक की अगुआइ वाली उदारवादी हुर्रियत कांफ्रेंस सभी को राज्य व केंद्र सरकार का यह प्रयास रास नहीं आ रहा है।

जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन मुहम्मद यासीन मलिक ने प्रेस से बात करते हुए कहा कि मुफ्ती मुहम्मद सईद अब यहां आरएसएस के एजेंडे को लागू करने लगे हैं। अब यहां कंपोजिट कल्चर का नाम देकर कश्मीरी पंडितों के लिए अलग से कॉलोनी बसाने की बात हो रही है। हमें यह मंजूर नहीं है। कश्मीरी पंडित आएं और यहां अपने पुश्तैनी मकानों में रहें। हम उनका पूरा साथ देंगे।

मलिक ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो कश्मीर में इजरायल व फलस्तीन जैसे हालात पैदा हो जाएंगे। यहां अभी भी 10 हजार कश्मीरी पंडित रह रहे हैं। कश्मीरियों को बांटने की नई दिल्ली की इस साजिश के खिलाफ शुक्रवार को हम लालचौक में धरना देंगे और शनिवार को कश्मीर बंद रखेंगे।

उन्होंने कहा कि अगर इस साजिश को आगे बढ़ाया गया तो मैं आमरण अनशन पर भी बैठूंगा। उन्होंने कहा कि मेरी कश्मीरी पंडितों से अपील है कि वह कश्मीर में अपनी जमीन जायदाद न बेचें। इसके साथ ही मैं अपने मुस्लिम भाइयों से कहूंगा कि वह कश्मीरी पंडितों की संपत्ति न खरीदें बल्कि उसे संरक्षण दें।

हुर्रियत कांफ्रेंस जेके के संयोजक शब्बीर शाह और मुश्ताक उल-इस्लाम ने कहा कि हमें कश्मीरी पंडित भाइयों की अलग कॉलोनी पर एतराज है। यह कॉलोनी कश्मीरी मुस्लिमों को राजनीतिक व सामाजिक तौर पर कमजोर करने की साजिश है। हम जल्द ही कश्मीर में लोगों को इस साजिश से अवगत कराने के लिए अभियान चलाएंगे।

कट्टरपंथी गिलानी ने शनिवार को इस मुद्दे पर बंद का एलान करते हुए कहा कि इजरायल के नक्शे कदम पर चलते हुए दिल्ली सरकार अब कश्मीरी मुसलमानों को पूरी तरह दबाने में जुटी है। इसमें कश्मीरी पंडितों के साथ साथ आरएसएस के एजेंट भी बसाए जाएंगे ताकि कश्मीरियों की आजादी की मांग को दबाया जा सके।

मीरवाइज ने कहा कि कश्मीरी पंडित हमारे भाई हैं। हम उनकी वापसी के समर्थक हैं। लेकिन जिस तरह से केंद्र और जम्मू-कश्मीर की सरकार उनकी वापसी के नाम पर सियासत कर रही है वह कश्मीरी पंडितों व कश्मीरी मुस्लिमों के भाईचारे को खत्म करने वाली है।


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