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क्या होगा 'आप' का? योगेंद्र यादव के आरोपों पर भी आज होगी चर्चा

आंतरिक कलह से जूझती आम आदमी पार्टी की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक का आज दूसरा दिन है। बैठक में पार्टी लोकसभा चुनाव में मिली हार के साथ -साथ पार्टी के भीतर चल रहे अंदरूनी मतभेद और अपने पुराने साथियों के इस्तीफे पर मंथन करेगी।

By Edited By: Published: Sat, 07 Jun 2014 09:11 AM (IST)Updated: Sat, 07 Jun 2014 10:45 AM (IST)
क्या होगा 'आप' का? योगेंद्र यादव के आरोपों पर भी आज होगी चर्चा

नई दिल्ली। आंतरिक कलह से जूझती आम आदमी पार्टी की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक का आज दूसरा दिन है। बैठक में पार्टी लोकसभा चुनाव में मिली हार के साथ -साथ पार्टी के भीतर चल रहे अंदरूनी मतभेद और अपने पुराने साथियों के इस्तीफे पर मंथन करेगी। यह भी बताया जा रहा है कि आज की ही बैठक में योगेंद्र यादव द्वारा पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल पर लगाए गए मनमानी के आरोप पर भी चर्चा होगी।

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दरअसल कार्यकारिणी की बैठक से ठीक पहले योगेंद्र यादव और मनीष सिसोदिया की चिट्ठी लीक हो जाने से पार्टी की अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई। आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के पहले दिन पार्टी के नेतृत्व को आलोचना का सामना करना पड़ा, जिसके बाद पार्टी में मतभेद योगेंद्र यादव और मनीष सिसोदिया के बीच हुए पत्र व्यवहार के बाद खुलकर सामने आ गया। सूत्रों के मुताबिक शाजिया इल्मी को पार्टी में वापस लाने के लिए अरविंद केजरीवाल नें प्रस्ताव रखा और इसकी जि़म्मेदारी पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों को दी है।

मनीष सिसोदिया ने योगेंद्र यादव पर आरोप लगाया कि वह केजरीवाल को निशाना बना रहे हैं और आंतरिक मामलों को सार्वजनिक कर रहे हैं. यादव और केजरीवाल ने इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.

सिसोदिया ने अपनी चिट्टी में लिखा है- पिछले 15 दिन से आपके और नवीन जयहिंद के बीच बहुत ही गंदा झगड़ा चल रहा है। दुख की बात है कि आप लोग ये झगड़ा पब्लिक और मीडिया के बीच कर रहे हैं. नवीन जय हिन्द भी अपने पुराने मजबूत साथी हैं. उन्होंने भी इस आंदोलन में जमकर लाठियां खाई हैं. हरियाणा के नतीजों और आपके और नवीन के बीच जो चल रहा है उस पर समीक्षा की ज़रूरत है. लेकिन आपने लगभग सार्वजनिक ईमेल लिखकर जिस तरह इस्तीफा दिया और अब उसी तरह की लगभग सार्वजनिक ईमेल लिखकर मुद्दे को मोड़ते हुए इसमें अरविंद को घसीटने की कोशिश की है यह ठीक नहीं है.

मनीष सिसोदिया ने आगे लिखा- पिछले 15 दिन में आपके व्यवहार से मुझे काफी दुख हुआ है. बाकी आप खुद समझदार हैं. दु:ख इस बात का भी है कि आजकल आप मीटिंग में आने की जगह चिट्ठियां लिखने की राजनीति कर रहे हैं. मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि इन ई-मेल्स के ज़रिए आप क्या चाहते हैं? पार्टी ख़त्म करना चाहते हैं? नवीन के खिलाफ लड़ाई जीतना चाहते हैं या अरविंद को ख़त्म करना चाहते हैं?

यादव ने पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) को लिखे पत्र में कहा, 'कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों में यह व्यापक धारणा है कि पार्टी व्यक्ति पूजा की बीमारी से घिर गई है जिससे देश की दूसरी पार्टियां भी घिरी हुई हैं.' पार्टी के नेता नवीन जयहिंद से मतभेद के बाद यादव ने पिछले दिनों पीएसी से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने पत्र में अपने इस्तीफे की वजह भी बताई है.

यादव ने अपने लेटर में कहा, 'पार्टी के बड़े फैसलों में एक व्यक्ति की इच्छा झलकती है. जब उसका दिमाग बदलता है तो पार्टी अपने कदम बदल देती है. नेता से करीब होना संगठनात्मक भूमिकाएं और जिम्मेदारियां का आधार है.'

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