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अंजलि दमानिया भी आप से रूठीं

लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद से आम आदमी पार्टी [आप] के अंदर की उठापटक लगातार बढ़ती जा रही है। शाजिया इल्मी और कैप्टन गोपीनाथ के आप छोड़ने के बाद महाराष्ट्र में पार्टी की संयोजक अंजलि दमानिया और सचिव प्रीति मेनन ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी का हालांकि कहना है कि अंजलि अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए तैयार हो गई हैं और शुक्रवार को होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंच रही हैं।

By Edited By: Published: Thu, 05 Jun 2014 10:31 AM (IST)Updated: Fri, 06 Jun 2014 12:30 AM (IST)
अंजलि दमानिया भी आप से रूठीं

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद से आम आदमी पार्टी [आप] के अंदर की उठापटक लगातार बढ़ती जा रही है। शाजिया इल्मी और कैप्टन गोपीनाथ के आप छोड़ने के बाद महाराष्ट्र में पार्टी की संयोजक अंजलि दमानिया और सचिव प्रीति मेनन ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी का हालांकि कहना है कि अंजलि अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए तैयार हो गई हैं और शुक्रवार को होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंच रही हैं।

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बताया जाता है कि पार्टी की नई राज्य कार्यकारिणी के गठन का भरोसा मिलने के बाद उन्होंने अपना फैसला वापस लिया है। यह भी कहा गया है कि नई कार्यकारिणी में और पारदर्शिता होगी और पार्टी के कार्यकताओं से बातचीत करने की व्यापक स्तर पर व्यवस्था रहेगी।

आप की महाराष्ट्र प्रमुख अंजलि ने नागपुर से नितिन गडकरी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। 69,081 वोट के साथ वह चौथे स्थान पर रही थीं। 45 वर्षीय अंजलि ने बीती रात पार्टी के शीर्ष लोगों को ईमेल कर अपने इस्तीफे की सूचना दी। इसमें उन्होंने लिखा, 'प्रिय सहयोगियों भारी हृदय से मैं आपका साथ छोड़ रही हूं।' आधिकारिक तौर पर आप उनका इस्तीफा मिलने से इन्कार कर रही है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि अंजलि को बातचीत कर मना लिया गया है।

महाराष्ट्र में आप के एक अन्य प्रमुख नेता मयंक गांधी के अनुसार, अंजलि अपना इस्तीफा वापस लेने को तैयार हो गई हैं। गांधी ने कहा, अंजलि पार्टी से नाराज नहीं हैं। उन्होंने कहा था कि वह संगठन के काम का दबाव देखते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई को आगे नहीं बढ़ा पा रहीं हैं। ऐसे में भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई को तवज्जो देने के लिए वह संगठन के दायित्व से मुक्ति चाहती हैं। उन्हें कहा गया है कि वह फिलहाल इस फैसले को स्थगित कर दें। गांधी के मुताबिक शुक्रवार से दिल्ली में शुरू हो रही पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी वह भाग लेने पहुंच रही हैं।

सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी और पार्टी की करारी हार के बाद से अंजलि पर जवाबदेही लेने का दबाव बढ़ रहा था। जिला इकाइयों में आपसी झगड़े भी बहुत बढ़ गए हैं। इन्हीं सब से परेशान होकर उन्होंने पद छोड़ने का फैसला किया था।


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