CBSE को नीट का रिजल्ट घोषित करने की SC ने दी इजाजत
मद्रास हाईकोर्ट ने गत 24 मई को कुछ अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए नीट का परिणाम घोषित करने पर अंतरिम रोक लगा दी थी। ...और पढ़ें

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (नीट) देने के बाद मेडिकल के अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रम में प्रवेश की बाट जोह रहे करीब 12 लाख अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी है। नीट के नतीजे घोषित होने का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने नीट का नतीजा घोषित करने पर लगी रोक हटा दी है। रोक हटने से मेडिकल में प्रवेश की रुकी पड़ी प्रक्रिया शुरु हो सकेगी।
मद्रास हाईकोर्ट ने गत 24 मई को कुछ अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए नीट का परिणाम घोषित करने पर अंतरिम रोक लगा दी थी। गत 7 मई को देश भर में आयोजित नीट में करीब 12 लाख छात्रों ने हिस्सा लिया था। कुछ छात्रों और सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी।न्यायमूर्ति पीसी पंत व न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की अवकाशकालीन पीठ ने एडीशनल सालिसिटर जनरल मनिंदर सिंह व अन्य वकीलों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी। इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका में प्रतिपक्षी बनाए गये पक्षकारों को नोटिस भी जारी किया। इससे पहले मामले पर बहस करते हुए सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट का रोक आदेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रवेश प्रक्रिया के तय शिड्यूल के आदेश का विरोध करता है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व आदेश में नीट का रिजल्ट घोषित करने से लेकर प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने तक का पूरा शिड्यूल तय कर रखा है लेकिन हाईकोर्ट की रोक के कारण सब कुछ रुक गया है। पीठ ने दलीलें सुनने के बाद मामले की अर्जेन्सी देखते हुए अंतरिम आदेश पारित किया और हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। साथ ही कहा कि संबंधित अथारिटी नीट की आगे की प्रक्रिया पूरी करें। हालांकि कोर्ट ने साफ किया है कि घोषित रिजल्ट और उसके बाद हुए प्रवेश इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले के आधीन होगा। सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी उच्च न्यायालयों से अनुरोध किया है कि वे इस मामले में किसी भी याचिका पर विचार नहीं करेंगे। इस मामले को छुट्टियों के बाद तत्काल सुनवाई के लिए लगाने का आदेश दिया है। कुछ छात्रों ने मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच के समक्ष याचिका दाखिल कर 7 मई को आयोजित नीट परीक्षा का यह कहते हुए विरोध किया था कि परीक्षा का अलग अलग भाषाओं में आया प्रश्नपत्र एक समान नहीं था। अलग भाषाओं में प्रश्न अलग अलग थे। इससे परीक्षा में एक समानता के सिद्धांत का उल्लंघन होता है। और छात्रों के साथ भी भेदभाव होता है। हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए गत 24 मई को नीट का रिजल्ट घोषित करने पर रोक लगा दी थी।

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