आरुषि मर्डर केस: तलवार दंपति को सुप्रीम कोर्ट से झटका
सुप्रीम कोर्ट ने आरुषि-हेमराज हत्याकांड में आरोपी तलवार दंपति द्वारा घरेलू सहायकों के नार्को, ब्रेन मैपिंग व पॉलीग्राफी टेस्ट की रिपोर्ट ट्रायल में पेश करने की मांग को ठुकरा दिया है। गौरतलब है कि तलवार दंपति ने मामले में पहले आरोपी बनाए गए सहायकों एवं कंपाउंडर कृष्णा, राजकुमार और विजय मंडल के इन टेस्टों की रिपोर्ट को ट्रायल का हिस्सा बनाने की मांग की थी।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सुप्रीम कोर्ट ने आरुषि-हेमराज हत्याकांड में आरोपी तलवार दंपति द्वारा घरेलू सहायकों के नार्को, ब्रेन मैपिंग व पॉलीग्राफी टेस्ट की रिपोर्ट ट्रायल में पेश करने की मांग को ठुकरा दिया है। गौरतलब है कि तलवार दंपति ने मामले में पहले आरोपी बनाए गए सहायकों एवं कंपाउंडर कृष्णा, राजकुमार और विजय मंडल के इन टेस्टों की रिपोर्ट को ट्रायल का हिस्सा बनाने की मांग की थी।
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न्यायमूर्ति बीएस चौहान की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को तलवार दंपति डॉ राजेश तलवार व डॉ नूपुर तलवार की याचिकाओं पर बहस सुनकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। इससे पहले तलवार दंपति के वकील यूयू ललित ने निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार की दुहाई देते हुए रिपोर्टो को ट्रायल का हिस्सा बनाए जाने की मांग की। उनका कहना था कि इन रिर्पोटों के अलावा सीबीआइ ने मामले में पहले अभियुक्त बनाए गए उपरोक्त तीनों सहायकों एवं कंपाउंडर के पुलिस को दिए गए खुलासा बयान भी रिकार्ड पर पेश नहीं किए हैं। न ही उनके बयानों के आधार पर बरामद हथियार खुखरी की वैज्ञानिक जांच रिपोर्ट ही रिकार्ड पर पेश की।
ललित का कहना था कि निष्पक्ष सुनवाई के लिए ये सभी चीजें अहम हैं। जबकि दूसरी ओर सीबीआइ की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सिदार्थ लूथरा ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि तलवार दंपति ने मामले की सुनवाई में देरी करने के उददेश्य से यह याचिका दाखिल की। ट्रायल कोर्ट और हाई कोर्ट का उनकी याचिका खारिज करने का फैसला बिलकुल सही है। लूथरा का कहना था कि जो सामग्री तलवार दंपति मांग रहे हैं, उसकी कोई जरूरत नहीं है क्योंकि निर्धारित कानून के मुताबिक नार्को, ब्रेन मैपिंग व पॉलीग्राफी टेस्ट की रिपोर्ट कोर्ट साक्ष्य में स्वीकार ही नहीं कर सकता।
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