सिखों पर जोक्स को लेकर निर्देश जारी कर सकता है सुप्रीम कोर्ट
जोक्स के इंटरनेट और एसएमएस के जरिये प्रचलन को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने पर सहमति जताई है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने सिखों को लेकर किए जाने वाले जोक्स के इंटरनेट और एसएमएस के जरिये प्रचलन को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने पर सहमति जताई है। शीर्ष अदालत का मानना है कि समुदाय विशेष के लिए ये जोक्स अपमानजनक हो सकते हैं लेकिन सबसे बड़ी चिंता इस तरह के निर्देशों के अमल को लेकर है।
मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर और जस्टिस सी नगप्पन व एएम खानविलकर की पीठ ने सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान कहा, 'हम यह नहीं कह रहे कि इस मामले पर कोई दिशा-निर्देश नहीं होने चाहिए। लेकिन सवाल यह है कि इन निर्देशों को लागू कैसे किया जाएगा?' मामले में अपनी दलीलें रखने वाले वकीलों और सिख संस्थाओं से इस संबंध में सुझाव मांगते हुए पीठ ने कहा, 'हम इस तरह के जोक्स और सामग्री के व्यावसायिक प्रचलन को रोकने का आदेश जारी कर सकते हैं।
लेकिन व्यक्तिगत रूप से इसे रोकना आसान नहीं होगा।' एक महिला वकील की ओर से दाखिल जनहित याचिका में सिखों को लेकर किए जाने वाले जोक्स पर रोक लगाने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट अब इस पर चार हफ्ते बाद सुनवाई करेगा।
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