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    दिल्ली में राष्ट्रपति शासन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को नोटिस

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    Updated: Mon, 24 Feb 2014 01:37 PM (IST)

    दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले के खिलाफ आम आदमी पार्टी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने इस बारे में भाजपा और कांग्रेस को नोटिस जारी करने से इंकार करते हुए कहा कि वह इस मामले को सियासी नहीं बनाना चाहती है। कोर्ट ने कहा कि यह मामला पूरी तरह से संवैधानिक है लिहाजा इस बारे में उसने केंद्र को नोटिस जारी किया है। इस संबंध में अगली सुनवाई सात मार्च को होनी है।

    नई दिल्ली। दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले के खिलाफ आम आदमी पार्टी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने इस बारे में भाजपा और कांग्रेस को नोटिस जारी करने से इंकार करते हुए कहा कि वह इस मामले को सियासी नहीं बनाना चाहती है। कोर्ट ने कहा कि यह मामला पूरी तरह से संवैधानिक है लिहाजा इस बारे में उसने केंद्र को नोटिस जारी किया है। इस संबंध में अगली सुनवाई सात मार्च को होनी है। गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद वैकल्पिक सरकार की किसी संभावना को न देखने के बाद दिल्ली के उप राज्यपाल ने वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की घोषणा कर दी थी।

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    आप की ओर से कोर्ट में पेश हुए एफ नारीमन ने कोर्ट के मातहत पूछा कि केंद्र ने इस तरह का फैसला क्यों लिया है। उन्होंने केंद्र द्वारा राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले पर सवालिया निशान भी लगाया।

    केजरीवाल ने 14 फरवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद विधानसभा को भंग करने की सिफारिश की थी लेकिन केंद्र ने उनकी सिफारिश को मानने से इन्कार कर दिया था। केजरीवाल ने केंद्र के इस कदम को असंवैधानिक बताते हुए आरोप लगाया था कि इससे विधायकों की खरीद फरोख्त हो सकती है। उनका यह भी कहना था कि कांग्रेस तत्काल चुनाव कराना नहीं चाहती है। चुनाव में देरी हो इस वजह से केंद्र ने यह कदम उठाया है।

    पढ़ें: राष्ट्रपति शासन की सिफारिश पर केजरीवाल नाराज