पार्टी के दबाव के बावजूद शशिकला को महासचिव बनने की जल्दी नहीं
AIADMK सामान्य परिषद की बैठक 29 को है जिसमें शशिकला पर भी चर्चा होगी।
चेन्नई (जेएनएन)। पार्टी के वरिष्ठ व अन्य सदस्यों की ओर से समर्थन के बावजूद वीके शशिकला को अन्नाद्रमुक की महासचिव बनने की जल्दी नहीं है। 29 दिसंबर को पार्टी महापरिषद की बैठक है, लेकिन शशिकला महसचिव पद लेने की बात को लेकर सतर्कता बरत रही हैं। इसे लेकर उनके दिमाग में क्या चल रहा है अब तक किसी को नहीं पता चला है।
ऐसी संभावना है कि स्वर्गीय जे. जयललिता की नजदीकी वी.के. शशिकला की 29 दिसम्बर को बतौर अन्नाद्रमुक महासचिव ताजपोशी हो सकती है। इस दिन पार्टी महापरिषद की बैठक होगी। गत 27 सालों से महापरिषद की बैठक जयललिता की अगुवाई में होती रही है। जयललिता के निधन के बाद उनके वारिस को इस बैठक में चुना जाएगा।
महापरिषद के आयोजन को लेकर जिला सचिवों की बैठक में शुक्रवार को निर्णय किया गया। पार्टी के पदेन अध्यक्ष ई. मधुसुदनन की अध्यक्षता में आहूत बैठक में महापरिषद व कार्यसमिति की बैठक की तारीख तय की गई। यह बैठक वानगरम स्थित श्रीवार कल्याण मंडपम में होगी। पार्टी के महापरिषद व कार्यसमिति के सदस्यों की संख्या क्रमश: 2770 और 280 हैं।
शुक्रवार शाम को पार्टी के मुख्यालय में 50 जिलों के पार्टी सचिव मिले और महापरिषद की बैठक के साथ नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दों पर बातचीत की। एआइएडीएमके के प्रवक्ता धीरन ने कहा, कार्यकारी समिति व महापरिषद की बैठक 29 दिसंबर को होनी है।
धीरन ने बताया, 'अन्नाद्रमुक ने यह निर्णय ले लिया है कि चिनम्मा को ही पार्टी का महासचिव बनाया जाएगा। इस मुद्दे पर जिला सचिवों ने एक बैठक में भी वार्ता की है। इसमें एक भी आवाज विरोध में नहीं उठी। अब शशिकला पर ही आकर मामला रुका है कि वह कब अपना निर्णय सुनाती हैं।'
एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ऐसा लगता है कि चिनम्मा को जल्दबाजी नहीं है। उन्होंने ऐसा एक भी संकेत नहीं दिया, जिससे पता चल सके कि उनके दिमाग में क्या चल रहा है। 5 दिसंबर को जयललिता की मौत के बाद से ही शशिकला से पार्टी की कमान संभालने का आग्रह किया जा रहा है।
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