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महज पांच वर्ष पहले शामिल हुए थे BJP में अब होंगे असम के CM

Assam Election Result Live: में पहली बार बीजेपी की सरकार बनती दिख रही है, जिसमें केंद्र सरकार में मंत्री सर्बानंद सोनोवाल का काफी महत्वपूर्ण योगदान है।

By kishor joshiEdited By: Published: Thu, 19 May 2016 11:06 AM (IST)Updated: Thu, 19 May 2016 12:37 PM (IST)

नई दिल्ली। जिस तरह से चुनावी रुझान आ रहे हैं उससे साफ है कि असम पूर्वोत्तर का पहला ऐसा राज्य होगा जहां भाजपा पहली बार सरकार बनाएगी। असम चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने बहुत समय पहले से ही तैयारी शरू कर दी थी और एक रणनीति के तहत भाजपा ने जनवरी 2016 में ही केंद्रीय खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया।

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पढ़ें: अम्मा' एंड 'दीदी' रिटर्न्स, असम में खिला 'कमल' तो केरल हुआ 'लाल'

कौन हैं सर्बानंद सोनोवाल

  • केंद्र सरकार में खेल मंत्री बनने के बाद से सर्बानंद सोनोवाल का कद काफी बढ़ चुका था और ये उनके कद का ही नतीजा था कि भाजपा ने चुनाव शुरू होने से बहुत पहले ही उन्हें सीएम पद का उम्मीदवार बना दिया।
  • सर्बानंद सोनोवाल का जन्म 31 अक्टूबर 1962 को असम के दिब्रूगढ़ जिले के दिनजन में हुआ था। सोनोवाल 1992 से लेकर 1999 तक ऑल असम स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष रहे थे।
  • 2011 तक वो असम गण परिषद के सदस्य थे।
  • 8 फरवरी 2011 को उन्होंने तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली थी और तुरंत ही भाजपा ने उन्हें असम प्रदेश का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया।
  • महज 5 साल बाद वो उस प्रदेश के मुखिया बनने जा रहे हैं जहां अभी तक कांग्रेस का एकछत्र राज हुआ करता था।
  • वर्तमान में वो लखीमपुर लोक सभा सीट से भाजपा के लोकसभा सांसद है।
  • सोनोवाल को असम का जातीय नायक भी कहा जाता है।

वो पांच कारण जिनकी वजह से असम में खिला कमल

  1. तरुण गोगोई पिछले 15 साल से सीएम थे। ऐसे में जनता में एंटी इनकम्बेंसी होना लाजमी है।इस एंटी इनकम्बेंसी फेक्ट ने भी असम में भाजपा को जीत दिलाने में मदद की है।
  2. असम की जनता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति बढ़ती लोकप्रियता और विश्वसनीयता भी भाजपा की जीत है अहम कारण माना जा रहा है।
  3. मोदी सरकार की एक्ट ईस्ट नीति ने भी असम की जनता का भरोसा जीता है। मोदी सरकार ने इस नीति पर जोर देकर विकास का नारा बुलंद किया था । मोदी सरकार की इस नीति के कारण भी भाजपा को जीत में मदद मिली है।
  4. बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर भाजपा की प्रतिबद्धता के कारण भी असम के लागों की विश्वसनीयता भाजपा के लिए बढ़ी है। भाजपा ने शुरू से ही बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर कांग्रेस सरकार को निशाने पर लिया था और कहा था कि भाजपा ऐसी घुसपैठ को रोकने के लिए हमेशा से ही प्रतिबद्ध है। यह भी एक अहम कारण है भाजपा की जीत का
  5. भाजपा इस चुनाव में मजबूत गठबंधन बनाने में सफल रही है। बीजेपी ने असम गण परिषद और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के साथ गठबंधन किया था। जानकारों के मुताबिक यह मजबूत गठबंधन भी भाजपा को इस चुनाव को विजयी बनाने में अहम साबित हुआ है।

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