एक्जिट पोल में केसरिया होली, तीन राज्यों में भाजपा सरकार बनने के संकेत
अगर कांग्रेस मणिपुर के साथ साथ पंजाब का दाव गंवाती है तो फिर यह पूरी तरह से कांग्रेस मुक्त चुनाव साबित हो सकता है। ...और पढ़ें

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । पांच राज्यों के चुनाव नतीजे आने में चौबीस घंटे बाकी हैं लेकिन चुनाव बाद के एक्जिट पोल की मानें तो भाजपा फिर से झंडे गाड़ने जा रही है। पांच में से तीन राज्यों- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा में जहां भाजपा की सरकार बनने के साफ संकेत हैं। वहीं मणिपुर में कांग्रेस के साथ टक्कर है।
अगर कांग्रेस मणिपुर के साथ साथ पंजाब का दाव गंवाती है तो फिर यह पूरी तरह से कांग्रेस मुक्त चुनाव साबित हो सकता है। हां, पंजाब हारने का यह अर्थ होगा कि आम आदमी पार्टी के सामने कांग्रेस पस्त है। अगर यह आकलन पूरी तरह सही साबित हुआ तो कहा जा सकता है कि भाजपा सौ में से कम से कम 75 फीसद अंक के साथ पास होगी क्योंकि पंजाब में भाजपा अकाली दल की छोटी सहयोगी के रूप में मैदान में थी।
गुरुवार को जितने भी एक्जिट पोल के नतीजे आए उनमें एक समानता थी। चार राज्यों में भाजपा ही बहुमत की पार्टी थी या फिर सबसे बड़ी पार्टी। सबसे अहम राज्य उत्तर प्रदेश में कुछ पोल में तो भाजपा के लिए पूर्ण बहुमत से लेकर आंधी तक दिखाया गया है। वहीं कुछ एक्जिट पोल में त्रिशंकु विधानसभा की आशंका भी जताई गई। लेकिन उस दशा में भी भाजपा बहुमत के आंकड़े 202 से बहुत दूर नहीं है। यानी यह स्पष्ट दिखा कि सरकार बनाने का दावा करने और सरकार गठन के लिए राज्यपाल की ओर से आमंत्रण पाने का पहला हक भाजपा के पास होगा। गोवा में सत्ता बरकरार रखना और उत्तराखंड में अंदरूनी बगावत के बावजूद बहुमत से सत्ता हासिल करना भाजपा के भविष्य के मंसूबों को बल देगा।
इस बार के एक्जिट पोल में एजेंसियों में थोड़ी सतर्कता भी दिखी। दरअसल पिछली बार जिस तरह कुछ ऐजेंसियां बुरी तरफ फेल हुई थीं उससे देखते हुए सीटों की भविष्यवाणी में 35-40 सीटों का मार्जिन रखा गया।
बहरहाल, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि इन पांच राज्यों के चुनाव नतीजों का दूरगामी संदेश होगा। 2019 के लोकसभा चुनाव में अब महज दो साल का वक्त है। उससे पहले जनता की ओर से इस जनादेश का अर्थ यह होगा कि न सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बल्कि उनकी ओर से उठाए गए नोटबंदी जैसे कठोर आर्थिक कदमों को जनता का पूरा समर्थन है। गौरतलब है केंद्र सरकार के गठन में उत्तर प्रदेश ने 73 सांसदों के साथ पूर्ण बहुमत दिलाया था। तीन साल बाद फिर से विश्वास जताने का यह स्पष्ट अर्थ होगा कि प्रदेश की जनता अभी भी भाजपा को ही बदलाव का साधन मानती है मोदी सबसे विश्वसनीय राजनीतिज्ञ हैं।
उत्तराखंड में कांग्रेस भाजपा के हाथों सत्ता गंवाती दिख रही है। मणिपुर में भी अगर यही हुआ तो कांग्रेस सीधे तौर पर दो और राज्य गंवा देगी। पंजाब में कांग्रेस के लिए एक मात्र आशा की किरण दिख रही है। कुछ पोल में कांग्रेस की सरकार बनती दिखाई गई है तो कुछ में आप की सरकार। इन दोनों की लड़ाई में दस साल से सत्ता पर काबिज अकाली दल और भाजपा की जोड़ी हाशिए पर खड़ी दिख रही है।
अगर आम आदमी पार्टी हावी रही तो फिर यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि तीसरी ताकत की मौजूदगी में कांग्रेस अपना पैर नहीं जमा पाती है। अगर आप पंजाब हासिल करने में असफल होती है तो यह बड़ी निराशा होगी क्योंकि दिल्ली के बाद पहली बार गोवा और पंजाब में आप ने खुद को आजमाया है। पोल में गोवा में आप को काफी नीचे दिखाया गया है। लेकिन पंजाब में वह एक ताकत के रूप मे उभरेगी।
अगर नतीजे एक्जिट पोल के अनुसार ही आए तो गठबंधन राजनीति, जातिगत समीकरण जैसे विषयों के साथ साथ भाजपा, कांग्रेस और सपा की अंदरूनी राजनीति भी प्रभावित हो सकती है।

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