उत्तराखंड: ढोंगी साधुओं ने पगड़ी, जटाओं में छिपाकर रखे थे चोरी के नोट
इंसानियत को शर्मसार करने वाले कथित साधुओं ने भारी तबाही के बीच केदारपुरी में जनता के विश्वास को भी ठगा। केदारनाथ धाम में 17 जून की सुबह हुई भयंकर तबाही के बाद स्टेट बैंक भी तहस नहस हो गया था। लोग बदहवास इधर उधर भाग रहे थे और साधु के वेश में छिपे 12-13 कथित यह कथित साधु लूट और चोरी
श्रीनगर गढ़वाल, जागरण संवाददाता। इंसानियत को शर्मसार करने वाले कथित साधुओं ने भारी तबाही के बीच केदारपुरी में जनता के विश्वास को भी ठगा। केदारनाथ धाम में 17 जून की सुबह हुई भयंकर तबाही के बाद स्टेट बैंक भी तहस नहस हो गया था। लोग बदहवास इधर उधर भाग रहे थे और साधु के वेश में छिपे 12-13 बहुरूपिए लूट और चोरी की फिराक में भटक रहे थे।
बीते 19 जून को केदारनाथ धाम में जिला पंचायत विश्राम गृह के संचालक और श्रीनगर नगरपालिका के पूर्व सभासद रघुवीर सिंह बिष्ट को इन साधुओं की दिनचर्या पर शक हुआ। उसने अपना यह शक कुछ लोगों और एनडीआरएफ के जवानों के साथ भी साझा किया। जिस पर 20 जून को उनके विश्राम गृह के पास से ही गुजर रहे एक साधु के पास बड़ा भारी बैग देखकर शक हुआ और जब तलाशी ली तो बैग में 1000-500-100 रुपये के नोटों के बंडल देख हर कोई भौंचक रह गया।
हैरानी तो तब बढ़ी जब इन साधुओं की जटाओं और पगड़ी के अंदर भी नोटों के बंडल छिपे मिले। रघुवीर सिंह बिष्ठ की हैरानी तो तब और बढ़ी जब एक साधु के पहने कपड़ों और पगड़ी के अंदर से लगभग 20 लाख रुपये बरामद हुए। कुल 83 लाख रुपये इन साधुओं से बरामद हुए थे। नौ पेटियों में बरामद नगदी को रख हेलीकाप्टर से गुप्तकाशी एसडीएम को यह धनराशि भेजी गई। रघुवीर बिष्ट ने कहा कि एनडीआरएफ ने इसके बाद जब तलाशी अभियान चलाया तो 21 जून को भी कुछ साधुओं के पास से नगदी बरामद हुई।
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