हेलीकॉप्टर सौदे की नए सिरे से होगी जांच
देश के अतिविशिष्ट लोगों के लिए इटली से नए हेलीकॉप्टरों की खरीद के सौदे पर मुश्किलें गहराने लगी हैं। इतालवी जाच एजेंसियों की पड़ताल में कथित तौर पर इस सौदे के लिए एक स्विस सलाहकार को 350 करोड़ रुपये का कमीशन देने की बात सामने आने के बाद भारत में भी इसका असर हुआ है।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। देश के अतिविशिष्ट लोगों के लिए इटली से नए हेलीकॉप्टरों की खरीद के सौदे पर मुश्किलें गहराने लगी हैं। इतालवी जांच एजेंसियों की पड़ताल में कथित तौर पर इस सौदे के लिए एक स्विस सलाहकार को 350 करोड़ रुपये का कमीशन देने की बात सामने आने के बाद भारत में भी इसका असर हुआ है। 3500 करोड़ रुपये के इस सौदे पर उठ रहे सवालों के बीच रक्षामंत्री एके एंटनी ने नए सिरे से जांच का भरोसा दिलाया। इसी के मद्देनजर रोम में भारतीय राजदूत से इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट भी तलब की है।
इस सौदे में गड़बड़ी की आशंकाओं पर सफाई पेश करते हुए रक्षामंत्री एंटनी ने कहा कि 'पूरी गंभीरता से इसके सभी पहलुओं की जांच होगी। वहीं रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि अगर सौदे में किसी भी घोटाले के सुबूत मिले तो करारनामे की शर्तो के मुताबिक भारत कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होगा। महत्वपूर्ण है कि 2010 में भारतीय वायुसेना और इटली की कंपनी अगस्ता-वेस्टलैंड केबीच 12 एडब्लू-101 हेलीकॉप्टर सौदे से पहले ईमानदारी एवं पारदर्शिता बरतने का भी समझौता हुआ था।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सितांशु कार ने कहा कि वायुसेना की कम्यूनिकेशन स्क्वाड्रन के लिए 12 वीवीआइपी हेलीकॉप्टर खरीद के करारनामे में शामिल है कि सौदे के लिए किसी भी बिचौलिए व्यक्ति या संस्था का सहारा नहीं लिया जाएगा। इस शर्त के उल्लंघन की स्थिति में रक्षा मंत्रालय कदम उठाने के लिए स्वतंत्र है। इस बीच एंटनी ने किसी गड़बड़ी की आशंकाएं दूर करने के लिए मंत्रालय के अधिकारियों को सौदे की फाइलें खंगालने के लिए कहा है। साथ ही मंत्रालय ने रोम में भारतीय दूतावास से यह पता लगाने को कहा है कि भारतीय सौदे में दलाली की बात में कितना दम है और इतालवी जांच किस दिशा में जा रही है।
इतालवी कंपनी फिनमैकेनिका ने दावा किया कि भारतीय रक्षा मंत्रालय मामले की पड़ताल के बाद उसे क्लीन चिट दे चुका है। भारत के साथ हेलीकॉप्टर सौदे में किसी तरह का कोई कमीशन नहीं दिया गया है। रक्षामंत्री एके एंटनी ने भी 14 मार्च को राज्यसभा में रोम स्थित भारतीय दूतावास की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि इतालवी एजेंसियां भारत के साथ हुए सौदे पर कोई विशिष्ट जांच नहीं कर रही हैं। इतालवी अखबार 'ला रिपब्लिक' के मुताबिक इस सौदे में दलाली के आरोपों की पड़ताल में जांचकर्ताओं के आगे स्विट्जरलैंड के कंसल्टेंट गिडो राल्फ हाश्के का नाम सामने आया है। जिसे पांच करोड़ यूरो [350 करोड़ रुपये] से अधिक का कमीशन दिया गया था। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि इस सौदे के लिए भारत में किसी तरह की रिश्वत दी गई अथवा नहीं।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक फरवरी में इतालवी कंपनी फिनमैकेनिका व उसकी सहयोगी कंपनियों [अगस्ता-वेस्टलैंड समेत] में वित्तीय अनियमितताओं पर इतालवी एजेंसियों की पड़ताल पर रोम स्थित भारतीय दूतावास से रिपोर्ट मांगी गई थी। उस वक्त भेजी अपनी रिपोर्ट में दूतावास ने कहा था कि 'इतालवी एजेंसियां मुख्यत: फिनमैकेनिका में किसी वित्तीय अनियमितता को देख रही हैं। अत: शुरुआती इतालवी जांच के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि भारत के साथ हुए हेलीकॉप्टर सौदे को लेकर कोई खास पड़ताल होगी या नहीं।'
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