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रुहानी के भारत दौरे का आखिरी दिन; इरानी राष्ट्रपति ने कहा- 'भारत-इरान के रिश्ते व्यापार से बढ़कर'

रूहानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्विपक्षीय संबंधों में हासिल की गई प्रगति की समीक्षा करेंगे। दोनों देशों के आपसी हित के क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे।

By Srishti VermaEdited By: Published: Sat, 17 Feb 2018 10:20 AM (IST)Updated: Sat, 17 Feb 2018 04:23 PM (IST)
रुहानी के भारत दौरे का आखिरी दिन; इरानी राष्ट्रपति ने कहा- 'भारत-इरान के रिश्ते व्यापार से बढ़कर'
रुहानी के भारत दौरे का आखिरी दिन; इरानी राष्ट्रपति ने कहा- 'भारत-इरान के रिश्ते व्यापार से बढ़कर'

दिल्ली (जेएनएन)। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के तीन दिवसीय भारत दौरे का आज आखिरी दिन है। दिल्ली के हैदराबाद हाउस में इरान और भारत के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की शुरुआत हो चुकी है। इस दौरान रूहानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्विपक्षीय संबंधों में हासिल की गई प्रगति की समीक्षा की गई। दोनों देशों के आपसी हित के क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की गई। इसके बाद रूहानी शाम को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मुलाकात करेंगे। वह ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) में एक विशेष व्याख्यान देंगे। 

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हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता के बाद पीएम मोदी और इरानी राष्ट्रपति हसन रुहानी ने संयुक्त संबोधन दिया। इस दौरान पीएम मोदी ने दोनों देशों के रिश्ते पर प्रकाश डाला।

पीएम मोदी के संबोधन की मुख्य बातें-

पीएम मोदी और इरानी राष्ट्रपति डॉ हसन रुहानी ने संयुक्त रुप से संबोधन दिया। इस दौरान भारत और इरान ने दोनों देशों के शीर्ष नेताओं की उपस्थिति में एमओयू पर हस्ताक्षर किए। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने रुहानी से कहा- मैं 2016 में तेहरान गया था और अब आप यहां आए हैं। इससे हमारे रिश्ते और मजबूत और गहरे होते हैं।

मैं आपको चाबहार पोर्ट के विकास में अहम नेतृत्व के लिए धन्यवाद देता हूं। इस दौरान दोनों नेताओं ने संयुक्त पोस्टल स्टाम्प भी जारी किए। पीएम मोदी ने आगे कहा कि, हम दोनों देश हमारे पड़ोसी अफगानिस्तान को सुरक्षित और समृद्ध देखना चाहते हैं। हम अपने पड़ोसी को आतंकवाद मुक्त देखना चाहते हैं।

इरानी राष्ट्रपति रुहानी के संबोधन की मुख्य बातें

इरानी राष्ट्रपति हसन रुहानी ने कहा- भारत के ग्रेट सरकार के द्वारा दिखाई गई दयालुता पर मैं एक बार फिर यहां के लोगों और भारत सरकार को तहे दिल से धन्यवाद देता हूं। दोनों देशों के बीच जो रिश्ते हैं वह व्यापार और बिजनेस से कहीं बढ़कर है। यह हमारे इतिहास को बताता है।

हम दो अहम वैश्विक मुद्दों पर अपने दृष्टिकोण साझा करते हैं वे हैं पारगमन और अर्थव्यवस्था। रुहानी ने आगे कहा कि, हम दोनों देशों के बीच रेलवे स्टेशनों और चाबहार पोर्ट का विकास करना चाहते हैं।

इस प्रकार रहा रुहानी का आज का कार्यक्रम-

- सुबह 9 बजे राष्ट्रपति भवन में हसन रूहानी का औपचारिक स्वागत किया गया।

- इसके बाद 9.30 बजे उन्होंने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

- सुबह 10.15 बजे होटल आईटीसी मौर्या में रुहानी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की मुलाकात की।

- सुबह 11 बजे होटल लीला पैलेस में बिजनेस इवेंट में शामिल हुए।

- दोपहर 12 बजे हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री मोदी और रुहानी की मुलाकात हुई।

- दोपहर 1.50 बजे हैदराबाद हाउस में दोनों देशों के बीच समझौतो का आदान प्रदान, प्रेस स्टेटमेंट और पोस्टल स्टॉम्प रिलीज किया किया गया।

-शाम 7.30 बजे राष्ट्रपति भवन में रुहानी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मुलाकात होगी।

भारत-इरान द्विपक्षीय वार्ता की अहम बातें-

-व्यापार, सुरक्षा और संपर्क, रणनीतिक चाबहार पोर्ट पर भी चर्चा हुई। स्वास्थ्य और दवाइयों के क्षेत्र में भी सहयोग के मुद्दे पर भी दोनों देशों ने चर्चा की। खाड़ी देशों और पश्चिम एशियाई देशों में भारत के बढ़ते सहयोग और योगदान पर भी चर्चा की गई।

-बता दें कि, पहले ही इस बात पर सहमति बन चुकी है भारतीय व्यापारी इरान में भारतीय मुद्रा में निवेश कर अपना व्यापार कर सकते हैं। इसके साथ द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को और बढ़ावा देने के मुद्दे पर और चर्चा किए गए।

-सीमापार आतंकवाद पर भी चर्चा की गई हालांकि इस मुद्दे पर किसी देश खास पर चर्चा की बात पर पुष्टि नहीं की जा सकती है। जाधव के मुद्दे पर चर्चा किये जाने की उम्मीद कम बताई जा रही है क्योंकि यह कोई द्विपक्षीय मुद्दा नहीं है। बता दें कि बारतीय नेवी ऑफीसर कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी सेना ने इरान से गिरफ्तार कर लिया था।

-रणनीतिक चाबहार पोर्ट पर अहम चर्चा की गई। 2016 में मोदी के इरान दौरे के समय कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस दौरान मोदी, रुहानी और गनी की उपस्थिति में त्रिपक्षीय भारत, इरान और अफगानिस्तान को लेकर चाबहार समझौता भी किया गया था।

-इस समझौते में 85 मिलियन लर की राशि के निवेश पर सहमति बनी थी। इस पोर्ट के माध्यम से पाकिस्तान होते हुए भारत से इरान और अफगानिस्तान की यात्रा की जा सकेगी।

-वार्ता के बाद मोदी और अन्य नेता के साथ शनिवार को रुहानी ओआरएफ (ऑबजर्वर रिसर्च फाउंडेशन) पर खास संबोधन भी देंगे। 
 


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